________________ 41 जीवस्थानेषु मोहनीयस्य बन्धोदयसत्तास्थानानि तद्भङ्गाश्च मानानि तदाश्च अन्ना बत्तीसा वि य चउवौसाए गुणित्तु खिवएसु / बाहत्तरिसयचउसंहिअहियपयविंदपिंडेणं // 234 // [270] उदए ... नपुसवेए बंधे बावीस उदयठाणत्तिगं .. | - ... अड नव दसगं कमसो इगदुगएका चउवीसा / / (287) / उदयगुणा छत्तीसा ते दस ठाणा नपुसउदयम्मि / ते अट्ठा छत्तीसा दसहिँ गुणा तिन्नि सय सट्ठा 360 / / (188) पज्जत्तवायरविगला 4 बंधे इगवीस साणमासज / सत्ताइ नवंतुदया नपुस चउरट्ठ पत्तेयं // (286) उदयगुणा बत्तीसा चउग्गुणा 128 ते य हुँति इह अट्ठा / पुव्वुत्त 360 एइ अट्ठा अट्ठगुणा हुन्ति पयविंदा 3904 / / (290) छत्तीसं चउवीसा तीसु वि पत्तेय मिच्छगुणठाणे 108 / सासण अमणे पज्जे बत्तीसा विंदचउवीसा 140 // (261) चउरुत्तरगुणयाला. 3604 अट्ठगुणा इत्थ होंति पयविंदा / तेत्तीससया इह सद्विसहिय 3360 चउवीसगुणकारे / / (262) बाहत्तरि चउसट्ठा 7264 पयविंदाणं तु मोहनीयस्स / तेरससु आइमेसु सन्नीपज्जत्ति पुव्वुत्ता // (293) जीवट्ठाणा सुहुम.ऽप. बायर.ऽप. बेई.ऽप. ते.ऽप. चउ.ऽप. | ऽसं.ऽप. | सं.ऽप. | सुहुमपज्ज बंधट्टाणा / 22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22 बंधभंगा / 6 6 6 6 6 / 6 . . 6 . 6 | | उदयट्ठाणा 8 /8/690 8/8 108/4/10/8/2 10 8 6 20/88/20/8/8 10 | चउवीसियाणं * पेज नं०४२ द्रष्टव्यम् /