________________ 40] सप्ततिकामिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे 'ठवणा जीवठा० | 8 | 5 | 1 | बंधठा० उदयठा० सत्ताठा० 3 3 J15 'ठषणा अट्ठ उ जीवट्ठाणा सत्त अपज्जत्तसुहमपज्जो य / बावीसबंध एगं दुवंध२पढमा भवे पणगे // 227 / / (281) [263] | जीवठा०८ | 5 | बंधठा० | 22 22 वायरविगलअसभी पज्जत्ता पंच हुंति जियठाणे / बावीसा इगवीसा दुगबंधा मिच्छसाणाणं // 228 / / (282) [264] छब्बावीसे 'चउएगवीस [भंग दुबंधम्मि जे उ पुवुत्ता। इगविगलेसु तेच्चिय जेण तिवेएसु ते जंति // 229 // (283) [265] अडनवदसगं उदया पत्तेयं जीवठाणतेरससु / वावीसबंधगेसु इयरेसु नवंतसत्ताई // 230 // (284) [266] चउवीसा चउचउरो तिगतिग उदएसु वन्निया पुव्वं / , नवरं नपुंसवेइसु चउरट्ठ पणिदिए * *मोत्तु // 231 / / (285) [267] छप्पन्नं इह अट्ठा सोलस चउवीस'गुणिअनामेहिं / अट्ठसया बत्तीसा 832 उदयविगप्पा 'य मोहस्स // 232 // (286) [268] ___पयविंदविहिमाहछत्तीसाणं दसगं चउरो बत्तीस तिन्नि छत्तीसा / अदृष्ट गुणायारो तह चउवीसाइ पयविंदा // 233 // [269] 1.2 इदं यन्त्रं L. D. प्रतावस्ति, J. प्रतिप्रेसकोप्यां नास्ति / 3 "चउइगवीसे [भंगदु]" इति L D. प्रतौ * पेज नं. 42 * एतच्चिह्नगतं टिप्पनकं द्रष्टव्यम् / 4 "मुत्तु" इति L. D. प्रतौ / 5 "गुणसनामेहिं" इति L. D. प्रतौ। / ६"उ" इति L. D. प्रतौ /