________________ ठवणा नाम्नः सत्तास्थानानि बन्धोदयसत्तास्थानानां संवेधश्च [33 नवरं इह पडिसेहो तिरिमणुयाणं च भोगभूमीणं / तणुयकसायत्तणओ अट्ठावीसं च बंधंति // 191 // (235) [220] ते पज्जत्ता एत्थ य अपज्जि गुणतीसमवि य बंधंति / जम्हा ते देवेसु न अन्नगइ जति पाए // 192 // (236) [221] तह ईसाणंतसुरा पज्जत्तेगिदियाण पाओगा / बंधंति मिच्छदिट्ठी पणवीसा तह य छव्वीसा // 163 // (237) [222] गुणतीसतीसबंधा सव्वे देवा य तह य नेरइया / नियनियउदयविगप्पेहिँ 'सम्ममिच्छाइ जहजोग्गं // 194 // (238) [223] . | बंधट्टाणा | 23 | 25 26 28 29 30 | | उदयट्ठाणा | | | | - सत्ताट्ठाणा | 5 | 5 | 5 | 4 | 7 | नव नव उदयट्ठाणा बंधे बंधे य हुंति पत्तेयं / सवियप्पाई वुत्ता अट्ठावीसम्मि पुण एए // 16 // (233) [224] अट्ठावीसे बंधे उदयट्ठाणा उ अट्ठ नायव्वा / केवलितिगचउवीसं चउरो "मोत्तूण सवियप्पा // 196 / / (240) [225] इगवीसे छव्वीसे उदए जे वट्टमाणया जीवा / खाइगवेयगदिट्ठी नियमा बंधंति न उ अन्ने // 197|| (241) [226] सेसेसु उदएसु सम्मदिवि तह मिच्छदिट्ठी य / अज्झत्थवसा बंधहि सुरनारयजोग्गनरतिरिया // 198 // (242) [227] 28 पंधे 8 उदयट्ठाणा-२१।२।२६।२७।२८।२९।३०।३। उदएसु जे जीवा वट्टता बंधगा उ ते भणिया / तेसिं तु संतठाणा कित्तिय के कस्स तं भणिमो // 199 / / (243) [228] (१)इगि(२)विगल 3 सगल पंचंसिगा उ चत्तारि आइएं उदया। (१)उणवीस(२)इट्ठारस(३)दुसयअट्ठनउआ उ न उ अन्ने (चुन्नीगाहा) // 200 / (244) [229] (१)उणवीस(२)ऽट्ठारस (३)दुसय अट्ठनउया य हुन्ति भंगाणं। .1 "सम्ममिच्छा य” इति L. D. प्रतौ। 2 "सविगप्पा इय" L. D. प्रतौ / 3 "मुत्तूण" इति L.D.प्रती।