________________ नाम्नो बन्धस्थानमगाः . [ 21 / / चत्तारि सहस्सा छस्सयाउ अठुत्तराउः -गुणतीसे / एवं उज्जोयतीसे मणुए 'उणतीसि ते चेव // 112 // (147) [136] | थिर| सुमसुभग | सुसर आइज़ | जस | सुभख० संघ० संठा. बंधठा० 25 26 / 30 | ऽथिर सुभ दुभग दूसर भगाइजाऽजस ऽसुभख० 168/768| तिरि० 1 46084608 | 2/4 - 16 32 / 64 | 128 / 7684608 मणु० | 1 4608 | नारय अडवीसेगो एगो कित्तीए सेणिमासज्ज / तेरससहस्सनवसयपणयाला सव्वपयडीणं // 113 / / (148) [137] तेवीसाइं . ठाणा सवियप्पा अट्ट विवरिया वंधे / .... एत्तो य सव्वजियवंधठाण. पत्तेय भंगजंतइयं // (149) ठवणा नामबंधठाणा 23 | 25 / 26 28 29 30 31 | 1 सव्वसंखा | बंधठाणभंगा | 4 | 25 | 16 ||62484641 1 | 1 | 13645 एगिदिय•| 4 | 20 | 16 0 . . . . . . 40 विगलिंदिय . | 3 | . . 24 | 24 . ..: 51 पं०निरिय० / 0. | 1 | * * 46084608 * 01 1210 मणुयपाउ• | 1 | * * 46088 नरयपाउ० | 0 0 0 | 1 | . . . . देवपाउग्ग० * * * - 8 | 1 | 1|| 18 मपाउग्ग० * * * * * * * || 1 | एत्तो य उदयठाणा सव्वजियाणं च हुँति सामन्नं / . ते बारस. वीसाई जाव य अठेव . पिज्जंता // (150) ____ नाम्न उदयस्थानानि१ "उणतीसे" इति L. D, प्रतौ / 2 “सव्वपिंडेणं // 14 // " इति L. D. प्रतौ / 3 इदं यन्त्र L D.. 4617 मपाउग्ग० प्रतावस्ति।