________________ सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे वीसिगवीसाच उदोसगाइ इगतीसगत्ति एगहिया / उदयट्ठाणाणि भवे नव अट्ठय हुंति नामस्सासू.-२६॥ (151) [138] तेवीसाई ठाणा सविगप्पा अट्ठ विवरिया बंधे / तह बारस उदयंगया वीसाई अट्ठ पज्जंता // 114 // [13] ठवणा- 20 / 21 / 24 / 25 // 26 / 27 / 28 / 29 / 30 / 31 / / 8 / / उदएसु जे सामी कित्तय उदया उ कस्स पत्तेयं / भंगा वि य पत्तेयं तेसिं संखाइयं भणिमो // 115(152) [140] निम्मेणथिराऽथिरश्तेयश्कम्मश्वनाइ४अगुरुरसुह१मसुहं / नामधुवोदय बारस 12 सेसा अधुवा उ पणपन्नं // 116 / / (153) [141] तसस्थावराइ४चउ चउ, तह सुभगाठदुभग आगिसंघयणाद।। गइ अणुपुव्वी४ य तहा, परघाचउ४ तित्थ१ उवघायं१ (154) जाइश्सरीरोश्वंगा३ विहदुगर सव्वा वि पंचवन्नाओ 55 / .. बारुदयठाणनामे पत्तेयं पयडि विवरेमिः // (155) तसतिग-सुभगा-ऽऽइज्जा मणुगइ-सगल-जसकित्ति तह धुवया। , वीसा उ समुग्याए "सेसा उ कमेण पक्खेवा // 117 / / (156) [142] ओरालियदुगरेमुसमं 1 पसेउवधाय१इयरसंठाणं 6 / छच्चीस सजोगिकेवलि ओरालियमीसि समुघाए // 118 // 1143] ओरालियदुगरसभं 1 पत्तेयुश्वघाय१इयरसंठाणा 6 / वि य छक्क सत्तसमए छूढे छव्वीस समुघाए // (157) परघाय-सास-विहदुग-सरदुग-एगयरखेवि तीसुदओ / सामनकेवलि 'तिगं नित्थयरे तित्थसंजुत्ता // 11 // (158) [144] सामन्नकेवलिउदया-२०, 26, 28, 29, 30, 8 // तित्थयरउदया-२१, 27, 29, 30, 31, // सहनिरोहे तीसा उणतीसा सासरोहि तित्थयरे / 1 "उ एगाहिया य इगतीसा" इति वा पाठः।२ "होति" इति L. D. प्रतौ। 3 "संखा य इय" इति L. D. प्रतौ। 4 "धुवउदया' इति L. D. प्रतौ। 5 "तइए चउपंचमे समए॥१५६।।" इति L. D. प्रतौ / ६"दुग" इति J. प्रतिप्रेसकोप्यामस्ति / किन्तु स सम्यग न प्रतिभाति /