________________ 14 सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे / तेसि मए पयबारसविंदा चउवीस 'तई अहिया 1.71 // (17) [89] मोहनीयस्य बन्धस्थानेषु सत्तास्थानानितिन्नेव उ बावीसे इगवीसे अट्ठवीससत्तरसे / छच्चेव तेरनवबंधएसु पचेव ठाणाणि ॥सूत्रम्-२१।। (8) [60] 2 संतढाणा संखा बंधे बंधे पडुच्च इह भणिया / तह वि य सुहगुणणत्थं गुणउदय पडुच्च संवेहो // 72 // (99) [1] बंधगुणठाणगेसु उदयट्ठाणाउ 'सुत्तभणियमवि / पुणरवि सुमरणहेडं, तह 'उदए संतसंखाओ // 73 // (100) [12] चउठाणा मिच्छत्ते सासणमिस्से य तिगतिगं जाण / अजयाइ अप्पमत्तं चउचउठाणा उ उदयाणं // 74 / / (101) [3] सत्तोदय अडबीसा सेसेसुदएसु तिगतिगं जाण / अडसत्तछक्कमहिया वीसा. बावीसबंधम्मि // 7 // (102) [4] इगवीसे अडवीसा एक्का सत्ताइतिसु वि पत्तेयं / मीसम्मि संतठाणा अडसगचउअहियवीसाउ // 76 / / मीसम्मि संतठाणा तिगतिग उदएसु पत्तेयं // (103) अडवीसा सगवीसा सम्मुव्वलणे य मीसउदयम्मि / चउवीससंतठाणं सेढिं उवरिं पडतस्स // (184) अजओदयम्मि पढमे अडचउइगअहियवीस 28, 24, २१,ठाणाई। बीए तइए ते च्चिय तिवीसबावीसंजुत्ता 28,24,23,22.21 / / 77 // (105) [16] इगवीस वज तुरिए २८,२४,२३,२२जेणं सोवेयगस्स उदओ उ / ' एवं देस-पमत्ता-ऽपमत्तयाणं च दट्ठव्वं // 7 // [7] हगवीसवज्जतुरिए२८,२४,२३,२२ चउरो ठाणा उ तत्थ संतम्मि। सो वेयगदिट्ठीणं इगवीसा खवगदिट्ठीणं // (106) तिगपणपणचउसंता सव्वे सत्तरसठाणसंखाए / एवं देसपमत्तापमत्तयाणं च दद्वयं // (107) देसविरओ य दुविहो तिरिमणसामन्नपंचठाणाई / अडवीसा, चउवीसा तिरियाणं देसविरयाणं / / 7 / / (108) [98] इगवीसा बावीसा तिरियाणं भोगभूमि संभवइ / 1. "इत्थहिया" इति L. D. प्रतौ / 2 "संतसठाणसंखा" इति L. D. प्रतौ / 3 “सुन्तमणियमविण इति, J. प्रतिप्रेसकोप्याम् / 4 "उदया" इति J. प्रतिप्रेसकोप्याम् /