________________ [ 53 [2] मोहनीयस्योदयस्थानमङ्गाः नवतेसीयसएहिं उदयविगप्पेहि मोहिया जीवा / उणहत्तरिसीयालापयविंदसएहिँ विन्नेया।सू०-१६।। (86) [76] चत्ता चउवीसाणं चउवीसगुणा य 'होति नवसट्ठा / तेवीसभंग मिलिया तेसीया नवसया होति // 62 // (87) [80] वेयतियचउकसाए अन्नयरुदएण भंगबारसगं / पणबंधे दुगउदओ चउबंधाई उ एक्कुदया // 63 / / (88) [1] चउबंधे चउभंगा तिगभंगाईण भंगया छक्कं / उवरयवंधे एगो एक्कुदएक्कारभंगाओ // 64 / / जे बंधइ ते वेयइ बंधे य पडुच्च इय दसगं // 8) पयाणं संखा वुत्ता। इयाणिं पयविंदाणं संखा कहिज्जइउवरयवंधे एगो तुरियकसायस्स सुहुमकिट्ठदए / संखा विवक्खिया इह एक्कुदएकारभंगाओ // (90) जत्थुदए चउवीसा जत्तियसंखा स एव गुणकारो / चउराइदसंतुदया. गुणिनियचउवीससंखाए // 65 // (61) [83] दस१०चउपन्न५४ट्ठासी८८सत्तरि७०बायाल४२वीस२०चउ४संखा / दुगउदयम्मी एगा एक्कुदइक्कारभंगाओ // 66 // (92) [84] चउवीसगुणा काउं पत्तेयं तेसि होइ इय संखा / चालीसा दोन्नि सया२४०बारस छन्नउय 1266 तह अन्ने / / 67||63) [85] बारहिया इगवीसं२११२सोलस आसी य१६८७°सहस अट्ठहियो१००८ चउअसिया ४८०छन्नवई९६चउवी सि२४कार११भंगा // 68 // (64) [6] एवं सव्वविसुद्धेण 6647 / "उणहत्तरि छत्तीसा, एकारसभंग मिलिय सीयाला / अन्ने उ चउरवंधे दुगोदयं यिंति किल किंचि // 66 // (65) [87] 'नवपंचाणुसएहिं उदयविगप्पेहिँ मोहिया जीवा / अउणत्तरि एगुत्तरि पयविंदसएहि विन्नेया ।।सूत्रम्-२०॥ (66) [8] पुवेयबंधवोच्छेय आवली एक्क दोण्ह उदओ उ / 1.2 'हुंति" इति L. D. प्रतौ / 3 “दुन्नि" इति L D. प्रतौ / ४"दस य अट्टहिया 1008 / इति J. प्रतिप्रेसकोप्याम् / 5 'उणहत्तरि सीयाला पयविंदाणं तु हुन्ति मोहस्स" इति L D. प्रतौ / 6 "नवपंचाणज्यसएहुदय "इत्यपि /