________________ 311 - षडशीतिनाम्नि चतुर्थ कर्मग्रन्थे उदीरणाठाणपमाणमाह. सत्तट पमत्तता कम्मे उइरिन्ति अट्ठ मीमो उ / वेणियाउ विणा छ उ अपमत्तअपुवअणियट्टी // 82 // सुहुमो छ पंच उइग्इ पंच उवसंतु पंच दो खीणो। जोगी उ नामगाए अजोगिअणुदीरणो भयवं // 83 // (राम०) मिच्छद्दिट्ठी सासायणो अविरओ देसविरओ पमत्तो य एए पंच ठाणा अट्टाह कम्माणं उदीरगा। अहवा अद्धावलियासेसाउया सत्तण्हं उदीरगा। जओ आवलियागयं कम्म करणाई न भवइ / सम्मामिच्छट्ठिी अट्ठण्हं उदीरगो / जओ "न सम्मामिच्छो कुगइ कालं" इइ वयणाओ / तहा अपमत्तअपुवकरणअनियट्टिबादरा वेयणियआउए मोत्तॄण छण्डं कम्माणं उदीरगा। तहा सुहुमो वेयणियआउए मोत्तु छण्हं उदीरगो, तहा मोहे अद्धावलियासेसे पंचण्हं उदीरगो / जओ मोहोदीरणा लोहे किट्टीकए अद्धावलियासेसे थक्कइ त्ति / मणुयाउयवेयणियाणं पुण उदीरणा पमत्तविरए थक्कइ ति / तहा नाणावरणदंसणावरणअंतरायनामगोयाणं पंचण्ह उवसंतो उदीरगो। खीणमोहो वि एएसिं चेव पंचण्डं उदीरगो। तहा नाणावरणदंसणावरणविग्धेहि अद्धावलियसेस'मेरोहिं नामगोयाणं खीणमोहो चेव दोण्हं उदीरगों। सजोगिकेवली दुण्हं नामगोयाणं उदीरगो / अजोगिअणुदीरगो भयवं // 82-83 // गुणट्ठाणगेसु अप्पबहुत्तमाह-- उवसन्तजिणा थोवा संखेजगुणा उ खीणमोहजिणा। सुहुमनियट्टनियट्टी तिन्नि वि तुल्ला विसेसहिया // 8 // जोगिअपमत्तइयरे संखगुणा देससासणा मिस्सा / अविरयअजोगिमिच्छा असंखचउरो दुवेऽनन्ता // 5 // (राम०) सव्वत्थोवा उवसंतजिणा / तओ खीणमोहजिणा संखेज्जगुणा 2 / सुहुमो अनियट्ठी नियट्ठी तिन्नि वि तुल्ला, पुब्वेहितो विसेसाहिया / तओ सजोगिकेवली संखेज्जगुणा / तओ अपमत्तसंजया संखेज्जगुणा / तओ पमत्तसंजया संखेज्जगुणा / तओ देसविरया असंखेज्जगुणा / जओ तिरिया वि गहिया / तओ सासायणा असंखेज्जगुणा / तओ सम्मामिच्छाहिट्ठी असंखेज्जगुणा / तओ अविरय-सम्मदिट्ठी असंखेज्जगुणा / तओ अजोगिकेवली अणंतगुणा जओ सिद्धा वि गहिया / तओ मिच्छद्दिट्ठी अणंतगुणा // 84-85 // 1 "मित्तेहि" इत्यपि।