________________ मार्यणास्थानेषु लेश्या अल्पबहुत्वञ्च थोवा असंखगुणिया तिन्नि विसेसाहिया अणंतगुणा / मणवयणकायजोगी थोवअसंखगुणणन्तगुणा // 55 // (राम०) थोवा तसकाइया 1, तेउकाइया असंखगुणा 2, पुढविकाइया विसेसाहिया 3, आउकाइया विसेसाहिया 4, वाउकाइया विसेसाहिया 5, वणस्सइकाइया अपंतगुणा 6 दारं / थोवा मणजोगी 1, वइजोगी असंखगुणा 1, कायजोगी अणंतगुमा 3 / दारं / / 5 / / पुरिसेहिंतो इत्थी संखेजगुणा नपुसणन्तगुणा / माणी कोही मायी लोभी कमसो विससहिया // 56 // (राम०) सबथोवा पुरिसवेया, इस्थिवेया संखेज्जगुणा / उक्तश्चतिगुणा तिरूवअहिया तिरियाओ इथिओ मुणेयया / सत्तावीमगुणा पुण मणुयाणं तदहिगा चेव / बत्तीसगुणा बतीसरूवं अहिया व तह य देवीओ / देवाणं इइ वोत्तं सुरो जीवामिगमनामे / / तेहिंतो नपुंसगा अमंतगुणा, जओ पंचेंदिया केई, एगिदियविगलिंदिया सव्वे नपुसगा / दारं / सबथोवा माणकसाई 1, कोहकसाई विसेसाहिया 2, मायाकसाई विसेसाहिया लोभकसाई कमसो विसेसाहिया 4, सञ्चजीवाणं कसाया पत्तेयं पत्तेयं अस्थित्ति कह ऊणाहिय ? भन्नइ,-उदयं पडुच्च माणोदए वहमाणा थोबा, सेसा कमेण विसेसाहिया, तेण अप्पबहुयं न दोसो / दारं // 56 // . मणपजविणो थोवा ओहीनाणी तओ असंखगुणा / महसुयनाणी तत्तो विसेसअहिया समा दोवि // 57 // (राम०) सच्चथोचा मणपज्जवनाणी, जओ ते मणुस्सा चरित्तिणो या ओहिनाणी तो असंखगुणा, बओ चउगइएसु वि ओहिनाणमत्थि; तओ मइनाणी सुयनाणी दो वि तुल्ला, पुब्वेहितो विसेसाहिया, जओ तिरियमणुया सम्मदिठिणो ओहिं विणा केइ अत्थि, तेहि साहिया।॥२७॥ वि-भंगिणो असंखा केवलनाणी तओ अणन्तगुणा / तत्तोऽणन्तगुणा दो मइसुयअन्नाणिणो तुल्ला // 58 / / (राम०) तो विभंगनाणी असंखगुणा, एए वि चउगइया वि अस्थि, तो केवलनाणी अणंतगुणा, जेण सिद्धा वि लब्भंतिः तत्तो अणंतसुणा मइअन्नाणिसुयअन्नाणी, जओ एगिदिया सब्वे वि लन्भंति: दोन्नि वि सट्ठाणओ तुल्ला / दारं // 5 //