________________ षडशीतिनाम्नि चतुर्थे कर्मग्रन्थे लेसा उ तिन्नि पढमा नारगविगलग्गिवाउकाएसु / एगिदिभूतरूदगअसन्निसु पढमिया चउरो // 51 // (राम०) निरयगईए विगलतिगे तेउकाएवाउकाए य पढमाओ तिन्नि लेसाओ / एगिदिय-पुढविकाय-वणस्सइकाय-आउकायअसन्नीणं पढमा चत्तारि लेसाओ / “असन्नीर्ण' ति बायर-एगिदियअपज्जत्तगहणं, तस्स तेउलेससंभवो // 51 // केवलजुयलअहक्खायसुहुमरागेसु सुक्कलेसेव / लेसासु छसु सठाणं गइयाइसु छावि सेसेसु // 52 // (राम०) केवलनाणे केवलदंसणे अहकखायचारित्ते सुहुमसंपरायचारित्ते एगा सुक्कलेसा / लेसासु छसु सट्ठाणं स्वकीयं स्वकीयं स्थानम् / गइयाईणं सेसाणं एगचत्तालीसाए दाराणं सव्वेसि छ लेसाओ / नणु जइ एगचत्तालीसाए दाराणं छ लेसा कहिया, कहं सामाइयाइसु किण्हाइलेसा ? जओ गुणलाभो सुहलेसाए न अन्नहा संभवो / भण्णइ- जओ एक्केकीए तारतमपरिणामभेएणं भेया असंखेज्जा। तेहिंतो जे मंदतरा परिणामविसेसा ते पडुच्च सामाइयाइसु वुत्ता / अओ भण्णइ मणपज्जवनाणसामाइयछेओवट्ठावणियपरिहारविसुद्धियदेसविरयाईसु वि ठाणेसु असुद्धले. साणं न विरोहो उप्पत्तिकालं मोत्तण / उक्त श्चसम्मत्तसुयं सव्व सु लहइ सुद्धासुतिसु य चारित्तं / पुषपडिवण्णओ पुण, अण्णयरीए उ लेसाए॥५२॥ इयाणि अप्पाबहुयं भन्नइ गइयाइसु अप्पबहु भणामि सामन्नओ सठाणे वि / नरतिग्यदेवतिरिया थोवा दुअसंखऽणंतगुणा // 53 // (राम०) गइयाइसु चउद्दससु मग्गणहाणेसु पोय पोयं सट्ठाणे अप्पाबहुयं भणामि / सव्यथोवा मणुयगइजीवा, निरयगईए असंखगुणा, तओ देवगईए असंखेज्जगुणा, तिरियगईए अणंतगुणा जावा / दारं // 53 // पणचउतिदुएगिन्दी थोवा तिन्नि अहिया अणन्तगुणा / तसतेउपुढविजलवाउहरियकाया पुण कमेणं // 54 // (राम०) थोवा पंचिंदिया 1, / चउरिदिया विसेसाहिया 2, तेइंदिया विसेसाहिया 3, वेईदिया विसेसाहिया 4, तओ एगिदियजीवा अणंतगुणा // 54 //