________________ 2 समयः] . समयमातृका। .................................... कन्यका / जाता घरमालायामर्घघर्घटिकाभिधा // 4 // सा वर्धमाना सुमुखी पौरैः पर्वसु पूजिता / तगृहेप्वकरोच्चौरी पूजाभाजनसंक्षयम् // 5 // सप्तवर्षैव सा लोभाद्वाक्प्रौडा हटतोरणे / . जनन्या पण्यतां नीता लोके जालवधाभिधाम् // 6 // सुत्तशङ्खलतिका सकूटकुचकचुका / कामुकाराधनं चक्रे चुम्बनालिङ्गनेन सा // 7 // कुङ्कुमार्थी वणिक्सूनुरथ तेनाययौ युवा / सुन्दरः पूर्णिको नाम पूर्णवर्णसुवर्णवान् // 8 // सभायां नेत्रवलनालोलभूलास्यविभ्रमैः / कृष्टः कौतुकवान्भेजे चपलासंगम निशि // 9 // सा तस्य क्षेब्यसुप्तस्य निशि कण्ठावलम्बिनी / निगीर्य शनकैः सवै कर्णाभरणकाञ्चनम् // 10 // अङ्गुलीभ्यः समाकृष्य हेमवालकवालिकाः / चौरग्रस्तेव चुक्रोश हा हतास्मीति सवनम् // 11 // प्रतिबुद्दोऽथ सहसा स तया मुषितो वणिक् / वाससाच्छादितशिरा ययौ स्वजनलाज्जितः // 12 // ततः सा यौवनवती रुचिराभरणाम्बरा / उवास शंकरपुरे मह्णणेति कृताभिधा // 13 // भूरिभाग्यभरैः सक्ता सा कामिकुसुमोच्चये / लेभे संभोगविश्रान्ति न रजन्यां न वासरे // 14 // निर्गच्छतां प्रविशतां प्रतिपालयतां बहिः / बभूव तगृहे संख्या न शुनामिव कामिनाम् // 15 // कूपे प्रपायामुद्याने सूदपौष्पिकवेश्मसु / सखीगृहे च तुल्याप्तान्सा सिषेवेऽति कामुकान् // 16 //