________________ 28 ... पद्यानि पृष्ठाङ्काः पद्यानि . पृष्ठाङ्काः. मन्दमन्दविगलत्रफ्मीषत् 380 मा भवन्तमनलः पवनो वा 125 मन्दाकिनीसैकतवेदिकाभिः 619 | मौमि हिअ व पीअं 644 मम स्फुरतु चिद्गतः 289 मा मूमुहत् खलु भवन्त 613 मया विमुक्ता बहिरेव 535 माया खिदेषा मतिविभ्रमो नु 371 मयूरारावमुखरां 554 | मारीचोऽयं मुनिर्यस्य मयेन निर्मितां लब्ध्वा 688 | मितमवददुदारं 205 भैय्येव मत्स्मरण 578 | मिथ्या देव भुजेन 359 मल्लिका मालभारिण्यः 541 मुंडइआचुण्णकसाअ 387 महाप्रथिन्ना जघनस्थलेन 519 मुक्ताः कन्धरयावृताः 726 महीभृतः पुत्रवतोऽपि दृष्टिः 95 मुंखपङ्कजरङ्गेऽस्मिन् 418 मुंखमिन्दुसुन्दरं ते 400 मही महावराहेण मुखांशवन्तमास्थाय 11 महोक्षतां वत्सतरः स्पृशन्निव 696 मुखेन लक्ष्मीर्जयति 264 मा गर्वमुद्वह कपोलतले मुच्च कोपमनिमित्त 683 चकास्ति 77,581,719 मुंदा रमणमन्वीत 205 माणदुमपरुसपवनस्स मुदे मुरारेरमरैः सुमेरो 176 मांनमस्या निराकर्तु मुद्धिहि मुहपंकअसर 187 मौनयोग्यां करोमीति 323 मुद्धे गहण गेण्हहु मोनिनी जनविलोचनपाता 255 अनिमभिमुखतां निनीषवो 741 मानुषीषु कथं वा स्यात्९३६,४४१,६९७ / मुनिसुताप्रणयस्मृतिरोधिना 375 मानोन्नतेत्यसहनेत्यति- 717 ) मुहेपेच्छओ पई से 652 1. शिशुपा० 10-17. 2. कुमार० १.वामनकान्या०५-१-१४. 2. गा० 1-29. 3. शाकुन्त० 5-23. 4. का- स०३.४६. 3. मालती०१.३०. 4. किव्याद० 2-217. 5. कुमार० 1.27. राता० 16-18. 5. भट्टिः 10-17. 6. काव्याद० 1.74. 7. रघुवं० 3-32. 6. पूर्वार्धमात्रं काव्याद०२-९३. ७.रु८. धनिकस्य दशरूपके 2-22. 9. गा० | द्रटकाव्यालं०८-१८. 8. काव्याद० 3. स० 4-44. 10. काव्याद० 2.299. | 30. 9. शिशुपा० 4-10.10. कि११. काव्याद० 2-243. 12. किरा. | राता० 10.40. . 11. शाकु० 6.8. ता० 9.26. 13. शाकु० 1-26. / 12. गा० स० 5-89. 360 148