________________ 629 151 पद्यानि .. we | पद्यानि पृष्ठाङ्काःभद्रे मारि प्रशस्तं वद सदसि 100 भरिमो से सअणपरम्मुहीमः 639 | मअपहनिमित्तनिम्ग 307 भेर्तुर्विप्रकृतापि रोषणतया 150 मजलवलअंजीअंक 627 भैवाहशा नाथ न जानते नते 203 मज्झद्विअधरणिहरे 510 भासयत्यपि भासादौ 251 मज्झण्णपत्थिमस्स वि गिम्हे 631 भिउडीहिं पुलोइस्सं 639 मणिरत्नं प्रसेनस्य 170 भित्त्वा सद्यः किसलयपुटान् / मण्डलीकृत्य बोणि भिन्ने सद्यः समाधावुप मैतां धुनाना रमतामकामता 212 भीष्मप्रोक्तानि वाक्यानि 748 मदनदारुण उत्थित उच्छिखो 203 भूतसंस्कृतभाषाभ्यां 227 | मदरक्तकपोलेन 424 भूत्वा चिराय चतुरन्तमही 703 | मधु द्विरेफः कुसुमैकपात्रे भूयाद्वः श्रेयसे देवः | मधुस्या मधुबोधितमाधवी 217 भूयिष्ठं भव दक्षिणा मधुरा रागवर्धिन्यः भूयोभूयः सविधनगरी 612 | मधुरेणदृशां मानं 206 भूरिभारभराकान्त मधुर्मधूनि गान्धर्व 236 भूरिभिर्भारिभिर्भीरा 266 | मधुविकसितोत्पलाक्तंसं भूरिभूतिं पृथुप्रीतिं . . 268 मनः प्रत्यकचित्ते भोण कलिकाकोषः 40 मनीषिताः सन्ति गृहेषु देवताः 157 श्रुकुटिरारचितागतमग्रतो 499 | मनोरथप्रिया लोकभ्रूभेदिभिः प्रकम्प्रोष्ठैः 6.7 मंतेसि महु महपणअं . 550 भ्रूभेदे सहसोद्गते 75,698 मन्त्रान्मृत्युजितो जपद्भिः 579 . 1. गा०स० 4-68. २.शाकुन्त। 1. गा० स० 4.99. 2. काम्याद 4-18. 3. काव्याद०३.४२. 4. मेघदू० | 1.70. 3. काव्याद० 3-49. 4. का११०.५. शाकुन्त०.४.२०. 6. शाकु० व्याद० 280. 5. कुमार० 3-36. 4-18. 7. मालतीमा०१-१४. ८.शि- | 6. शिशुपा० 6-20. 7. काव्या० शुपा० 29-66. . 9. वामनकाव्यालं. 2-317. 8. काव्याद० 3-20. 9. 2-2-23. 10. कुमारसं० 6.45. मेण्ठस्खेति सुभाषितावलिः. 10. कुमा११. रत्नावली. / रसं० 5.4. 11. काव्याद० 3-14. 381