________________ 470 9. 370 पद्यानि .. . पृष्ठाङ्काः पद्यानि पृष्ठाता मुहे मअखलि उल्लावे. | यदात्थ कामं भवता 697 मृनो जाम्बवतोऽभिवाद्य यदासीदज्ञानं स्मरतिमिर- 609 मूले पञ्च ततश्चतुष्टय यदि भवति मुखानां मृगं मृगाङ्कः सकलं यदि मे वल्लभा दूती मृगरूपं परित्यज्य 1 / यदि स्मरामि तां तन्वीं मुंतेति प्रेत्य संगन्तुं यदेतच्चन्द्रान्तर्जलदलव| यदेव रोचते मह्यं 598 मेघानिलेन अमुना यदेव पूर्व ज्वलने शरीरं मेदच्छेदकृशोदरं . यमः कुबेरो वरुणः . 475 मैत्र्यादि चित्तपरिकर्म यमिन्द्रशब्दार्थनिषूदनं मैनाकः किमयं रुणद्धि यश्च निम्बं परशुना मोरु कलावेण वहइ यस्मिन्पञ्च पञ्चजना मोहविरमे सरोसं . 363 | यस्य त्रिवर्गशून्यानि 115 मौलौ धारय पुण्डरीक . 64 यस्याः कुसुमशय्यापि यस्या बीजमहंकृतिः 423 यच्चन्द्रकोटिकरकोरक 53,715 | यस्यारिजातं नृपतेः 194 158 यज्वभिः संभृतं हव्यं , 326,715 यस्यावस्कन्दलीला यस्यावासीकृत हिम यंत्वनेत्रसमानकान्ति 412,725 यस्याहुरतिगम्भीरं 207 यत्स्वच्छे सलिलात्मनि 167 या गीः शीः श्रीर्धी 293 यथाश्रुतं वेदविदांवर त्वया . 699 यानां दैन्यपराभव यातिचंद्रांशुभिः स्पृष्टा . १.रुद्रटकाव्या० 8.108. 2. उदात्तराघवे, धनिकस्य दशरूपके च. 4-26. ... 1. किराता० 14-18. 2. सुभाषि३. काव्याद० 2-280. 4. पूर्वार्धमात्रं | तावली दीपकस्य. 3. कुमारसं०.१-५३. वामनकाव्यालं. 2-2-8. 5. शाकुन्त० | 4. काव्याद०.२.३३.१. 5. शिशुपा० 2.5. 6. धनिकस्य दशरूपके, 4-29. 1.42. 6. नमिसाधो रुद्रटकाच्या टीका७. कुमार० 2-46. ८.क्षेमेन्द्रस्य सुवृ. याम् 2.8. 7. बृहदारण्यके 5.517. त्ततिलके यशोवर्मण:२-३९, महानाटके च 8. काव्याद० 2.286. 9. नमिसाधो 5-2. 9. कुमार०५-६४. . / रुद्रटकाव्या० टीकायाम् . 8.43. 243 135