________________ 'श्रीः। सरखतीकण्ठाभरणखोदाहरणानुक्रमणिका / According to Col, Jacob's Index to Quotations at the India Office Library, London, with modificar .. tions to suit this edition. : 996 | अप्र 420 पद्यानि पृष्ठाकाः पद्यानि पृष्ठाहाः . अ. . ." अगणिअसेसजुआणा 676 अंतोहंत डज्झइ . 631 अंगा गां गाङ्गकाकार-... 270 अंदोलणक्खणोहिआए 664 | अंगूढहासस्फुटदन्त- 447 अंशुकानि प्रवालानि / अग्रे गतेन वसतिं परिगृह्य .314 अइकोवणा वि सासू 674/ अग्रे स्त्रीनखपाटलं करबकं. 74 अइ दिअर किं ण पेच्छसि. 620 अघौघं नो नृसिंहस्य अइ दुम्मणआ अज्ज अनानि चन्दनरजःपरिधूसराणि - अइ सहि वंकुल्लाविरि 384 अंडलीभिरिव केशसंचयं 466 अकटगुमटी चन्द्रज्योला 147 अडल्यः पल्लवान्यासानू , 415 अकस्मादेव ते चण्डि - अच्छक्कागअहिअए / 639 अजननिरस्तु विभूतेः अकृतकवलारम्भैः अक्षुद्रारिकताभिमन्यु अंजित्वा सार्णवामुर्वी अक्षे वसति पिशाचः अजं मए गन्तव्वं घणंध- 616 अज मए तेण विणा अखण्डमण्डलः केन्दुः 119 614 अखण्डितं प्रेम लभख - '659 अज वि ताव एकं. 636,677 अखिद्यतासन्नमुदप्र ..1. गा० स० 1.57, 20 काम्बाद) ३.११.१.किराताट-३६.४.शिशु० -- 1. गा० स०४-७३. 2. काम्वाद. 5-15, ५..विक्रमों० 2-7. ६.कुमार० 2-290.3. गा० स०५-९३.४. गा. 16.63.. 7. काव्याद०.२-६७.८.कास० 6-70. 5. काव्याद.२-०१ न्याद० 2.284. 1. गा० स० 3.49. 6. शारिपत्यां निशानारायणस. 7.10. गा० स०१.२१. 11. गा० कुमार० 7-28. 6. शिजु० 4.120 स०३-२. 1 स. क. 515