________________ // 6 // अथ स्वप्ननामा षष्ठो दृष्टान्तः / / अत्थि अवंतीविसए अलयापुरि निज्जिया सया जीए / अइनिम्मलविहववसा पवरपुरी णाम उज्जेणी // 1 // भावार्थ:-अवंतीदेशमा प्रधान उज्जेणी नामे जगरी छे, जेणीए. अतिनिर्मल (न्यायोपार्जित) संपत्तिना बलथी हमेशांने माटे अलकापुरी (कुबेरनी नगरी) ने जीतेल छे / / 1 / / उग्गपरक्कमणिज्जिय-सयलदिसिमंडलो कलानिलओ / नामेणं जियशत्तू णरणाहो तं च पालेइ // 2 // ___ भावार्थ:-उग्रपराक्रमथी सघली दिशाओने जीतनारो कलानिधान जितशत्रुराजा ते नगरीनु रक्षण करतो हतो / / 2 / / तत्थथि सत्थवाहो समग्गदेसेसु पत्तविवहारो / अयलो अयलुव्व थिरो चाई भोई महाभागो // 3 // भावार्थ:-ते नगरीमा समग्र देशमां व्यापार करनार, दानी, भोगी, महाभाग्यवालो अचल (पर्वत) ना जेवो स्थिर अवलनामे सार्थवाह हतो / / 3 / / तत्यवि य देवदत्ता लायण्णमहोयही कमलणयणा / गणियाऽगणियड्ढलोय-मियवाउरा णिवसइ धणड्ढा // 4 // - भावार्थ:-ते नगरीमा वली कमलजेवा नेत्रवाली, लावण्यनी समुद्र, अगणित धनाढ्यलोकरूप हरिणोने