________________ : नरभवदिटुंतोवनयमाला. पताकाओने बांधतो नथी / / 4 / / .. कालेण तंमि कइया तामि गयंमि कत्थः वि य समए / कत्तो वि कन्जवसओ विहिया देमंतरं दूरं / / 5 / / ___ भावार्थ:-केटलोक समय वित्याबाद कोइ वखते तेनो पिता कार्यवशात् दूर देशान्तरमा गयो / / 5 / / तो तरुणबुद्धिणा ते तणपा कोउहलं पडागाणं / काऊण मणे रयणाण विक्कयं काउमारद्धा // 6 // भावार्थ:-त्यारबाद उछलनी बुद्धिवाला ते पांच छोकराओए पताकाओ बांधवानां कुतुहलमां आवी ते अमुल्यरत्नोने वेचवा शरु कर्या // 6 // विहिया धणकोडीओ पत्ते य महमि पंचवण्णाओ। पवणपणोल्लियकणय-किंकिणीजालकलियाओ // 7 // नियपासायस्सुरि सयसंखा णिम्मिया पडायाओ / एवं वटुंताणं तेसिं ताओ समायाओ // 8 // भावार्थ:-अनेक क्रोडो धन मेलव्यं पुनः वसंतमहोत्सव आवे पवनथी चालती सोनानी घुघरीओवाली पंचरंगी सेंकडो पताकाओ पोताना घर उपर बांधी आ प्रमाणे पुत्रो वर्त्तताज हता एटलामां तेनो पिता आवी पहोंच्यो / 7-8 / / भणिया य तेण किमियं चेट्टियमसमंजसं जओ ताणि / रयणाणि मोल्लरहियाणि विक्कओ ताण कहं विहिओ // 9 / /