________________ आवश्यकचूणौ रत्नदृष्टान्तोऽन्ययापि दृश्यते, तथाहिआसी.सुकोसलणयरे पवरगुणपउणजणसमाइण्णो / इभो अच्चन्भुयभूइ-भायणं धष्णदत्तोनि // 1 // भावार्थ:-सुकोशलनगरमा श्रेष्ठगुणो अने मोटा परिवारथी युक्त अत्यद्भुत ठकुराइवालो धनदत्त नामे शेठ हतो // 1 // तस्स पिआ पणइणी घणसिरित्ति जाया सुया पंच / बहुरयणरासिसारो घरसारो अगणिओ तह य // 2 // ___ भावार्थः-तेनी धनश्री नामनी प्रियपत्नी हती ने पांच पुत्रो हता तेमज सारसाररत्नोथी मोटो किंमति अगणित खजानो हतो // 2 // जायंमि वसंतमहे तंमि पुरे जस्स जत्तिआ अस्थि / षणकोडीओ पडाया तावइया सा समुस्सेइ / / 3 / / . भावार्थ:-ते नगरमां वसंतमहोत्सव चखते जेने जेटला क्रोड धन होय तेओ तेटली पताकाओ बांधवा लाग्या // 3 // सो पुण इभो कोडोहि रयणमोल्लं करेउमसमत्थो / तेसिमणग्यत्तणओ उज्झइ णो तो पडायाओ / / 4 / / भावार्थ:-ते. धनदत्तोष्ठी तो रत्नो अमुल्य होवाथी करोडोथी पण मूल्य न करी शकवाने लीधे