________________ 1 चुल्लक दृष्टांत : भावार्थ:-आ बाजु तत्कालज राजपुत्री पोत्ताना मंत्री साथे पताकाथी शणगारेल कंपिलनगरमां विवाह अर्थे आवो // 66 // अह पुप्फचूलरण्णो घणुणामच्चेण भिच्चधयणाओ। सव्वा रहो पवित्ती जाणाविज्जा तहा कुज्जा // 67 / / भावार्थः-त्यारबाद धनुमंत्रीए विश्वासु भृत्य एटले नोकर मारफत पूष्पचूलराजाने आ सघली खानगी वात जणावी, उचित करवा कहेवराव्यं / 6 / मुणिऊण तं चरित्त दासी संपेसिया सुयाद्वाणे / सव्वाभरणविहिहिं लग्गदिणे सोहणट्ठाणे / / 6 / / भावार्थ:-पूष्पचूलराजाए पण सघली वात जाणी दीकरीनी जगे एक दासीने समस्तभूषणोथी शणगारी लग्नने दिवसे निमेल सुंदर स्थान उपर मोकली / 68 / जायं पाणिग्गहणं वासनिमित्तं तओ य रयणीए / वरधणुवहुसमेओ पवेसिओ जठहरं कुमरो // 69 // भावार्थ:-विवाह थयो त्यारबाद रहेवा माटे रात्रिए वरधनु मंत्रिपुत्र अने नवोढा (नवी परणेली) स्त्री साथे कुमारने लाखना घरमा प्रवेश कराव्यो / / जामजुगंमि अइगए पज्जलियं तं तम्माए तं भवणं / जाओ य कलयलरवो अइभीमो सव्वओ तत्थ // 70 / / भावार्थ:-रात्रिना बे प्रहर वीत्या के तेनी माए भवनने सलगावी मूक्युं तेथी चोमेर अतिभयंकर