________________ 12 : : नरभवदिद्रुतोवनयमाला तत्तो कमेण पत्ते परलोयपहमि बंभनरनाहे / मयकज्जेसु कएसुं सव्वेसु जणप्पसिद्धेसु // 39 // भावार्थ:-त्यारबाद ब्रह्मराजा परलोक सिधावी गया ने लोकप्रसिद्ध सर्व मृत क्रिया पण थइ गइ / 39 / ते रज्जकज्जसज्ज संठावित्ता य तत्थ दोहनिबं / कडगाइ तिणि निवासं पत्ता निययरज्जेसु / / 40 / / भावार्थः-त्यारबाद ते कटकादि मित्रनरेशो पोतपोताना राज्यकार्य माटे तत्पर थइ आपेल वचनने पालवा माटे अने ब्रह्मनरेशनुं राज्य चलाववा माटे त्यां दीर्घ नामना नरेशने मूकी पोलपोताना राज्यमां चाल्या गया // 40 // , चुलणीए दोहस्स य दोण्हवि कज्जाइं चितियंताण / सीलवणदहणपउणो जलणोव्वं पवड्ढिओ मयणो / / 41 / / भावार्थ:-राज्यकार्यादिकनी व्यवस्था करतां करतां चुलणीराणी अने दीर्घनरेश ए बन्नेमां परस्पर शीलरुपवनने बालवामां तत्पर मदन जे कामाग्नि ते प्रकट थयो / / 4 / / अगणियकुलमालिण्णा चुलणी चडुलत्तणेण चित्तस्स / दूभज्झियजणलज्जा रंजिया पावदोहंमि / / 42 // ____ भावार्थः-कुलमर्यादाने गण्या विना लोकलजाने छोडी चुलणीराणी चितनी चंचलताथी दीर्घनरेश उपर पूरेपूरी आसक्त थइ / / 42 / /