________________ 6 स्वप्न दृष्टांत: : : 103 एक जे बीजो भीखारी हतो तेणे तेज वखते आ स्वप्ननु फल मुसाफरखानामां सुतेला मुसाफरोने पूछयु, तेओमांना एक मुसाफरे ते स्वप्नफल पूछनार रंकने का के-तने घी गोलथी खरडायेल रोटलानो मांडो मलशे // 66-67 / / पत्तो य बीयदिवसे छाइज्ज तमि कमिवि गेहमि / गिहपहुणा निद्दिट्ठो मंडओ तेण संपत्तो // 68 // भावार्थ:-बीजेज दिवसे ते पामर भमतो एक नलाता घरनी अंदर दाखल थयो के ते घरना मालिके तेने भीख बदल रोटलानो मांडो लेवा कह्य ने भीखारीए पण ते मांडाने लइ लोधो // 68 / / अइनिउणबुद्धिणा तेण चितिउं ताव मूलदेवेण / एत्तियफलो न एसो सुविणो अविआणगा एए // 69 / / . भावार्थ:-आ तरफ विशेष विचारवाला मूलदेबे विचार्य के आवा स्वप्ननु फल मात्र आटलुंज न होवू जोइये, आ तमाम फलदर्शको (स्वप्नना फलने कहेनारा) सर्वथा अजाण छे // 69 // अह उग्गयंमि रवि मंडलंमि काउं पभायकिच्चाई / कुमुमभरियंजली सो पत्तो सुविणुण्णु य सयासे / / 7 / / .. भावार्थ:-एम विचारी सूर्योदय थया बाद