________________ 6 स्वप्न दृष्टांतः : . भावार्थः-तेणीए विचार्यु के एवो कयो उपाय छे जेवडे मूलदेव अचलथी तिरस्कार पामे ने फरी मारा घेर आववा न पामे / / 30 / / अह अण्णवासरे अयलसत्थवाहो भणाविओ तीसे / छउम्मेण गामगमणं करेच्छु एज्जाहि संझाए // 31 // भावार्थः-त्यारबाद एक वखते ते कूटनीए अचलसार्थवाहने कहेवराव्यु के आज सांजे गाम जवाना बहानाथी गमे त्यां छुपाइ जजे अने पछी छानोमानो घेर आवजे // 31 // तेण तह च्चियविहिए गमणे तुट्टाए देवदत्ताए। गेहमि मूलदेवो पवेसिओ जाव अभिरमइ / / 32 / / भावार्थः-अचले पण तेणीना कहेवा मुजब कयु, आ वात जाणी संतुष्ट थयेल देवदत्ता घरमा मूलदेवने लावी तेना साथे विलास करवा लागी // 32 // विज्जझडप्पोव्व तओ आवडिओ मत्ति अयलसत्थवाहो / गिहमज्झे य अइगओ इयरो सिज्जा तले लोणो / / 33 / / भावार्थः-तेटलामा विजलीना चमकारानी पेठे अकस्मात्रज अचल आवी पहोंच्यो अने तेना भयथी बीजो जे मूलदेव ते खाटला नीचे संताइ बेठो / 33 / नाओ य तेण भणिया गणिया हायव मज्म इत्थेव / सेज्जा एसा भणइ निरत्थयं कि विणासेसि ? // 34 //