________________ निःशेषसिद्धान्तविचार-पर्याये संभोइयो आयरिया पक्खिए आलोयंति, उमो रायणिस्स आलोएइ, रायणिओ वि उमरायणियस्स आलोएइ, जइ सो रायणिओ नत्थि असइ चाउमासिए (तत्थवि ) असइ संवच्छरिए उक्कोसेणं बारसहिं वरिसेहिं दुराओ वि आगंतु आलोएयव / फूड्डावइया वि आगंतु पक्खियाइसु मूलायरियस्स आलोयति / -सच्छंदत्ति / सो भणइ-सन्नाभूमि पि ऐगाणियस्स गमणं पडिसेहति तं असहमाणो आगओ हं / विवरीय नाम पर रयहरणं निपच्छिमं पडिलेहेइ, अवरण्हे पढम रयहरणं पडिलेहेइ। पिंडस्स जा विसोही समितिओ भावणा तवो दुविहो / पउिमा अभिग्गहा वि य उत्तग्गुणमो बियाणाहि // 289 // बायाला अट्टेव य पणवीसा बार बारस य चेव / / दवाइच उरमिगह भेया खलु उत्तरगुणाण / / 290 // काइगाइभूमिपि न पडिलेहंति, सज्झायं वा न करिति, अपविए वा परियट्टति, आवस्सयं वा न करिति, पाउया वा करित, दंडगाईणं गहण-निक्खेवेसु न पडिलेहणपमजणाई दुप्पडिलेहियाई वा करिति, विप्राय वा अहा-वत्थु न करिति, राय निग्गच्छमाणं इत्थिं वा सुअलंकिय एजमाणिं पलोएंति, नहं वा आघसंति, नहवीणिय वा करिति, कंदप्पकोकुइयत्तणं करिति, एएसु वट्टमाणा पडिसेहेयव्वा / यथा-आउत्ता लेहगा सव्वं लिहंति अविस्सरणनिमित्त, एवं सो नायओ हियए सव्वे 'अवराहे लिहित्ता आयरियाणां कहेइ, आयरिआ, तं सोउं तं निप्फन्नं पच्छित्तं देइ / गर्भाष्टमविचार:- 'गिहत्थपरियाओ जहन्नेण पगुणतीसं वरिसाणि / कहं पुण? ग़ब्भट्टमो पवइओ' इत्यक्षरराणि गर्भाष्टमविषये / - अहाछंदस्वरूपं यथा- सच्चेव मुहपोत्तिया सच्चेव पडिलेहणिया भवइ, दोहि अइरेगो भवइ, जो चेव मत्तओ सो चेव पडिगाही होउ कि दोहि ? सो चेव चोलपट्टओ सो चेव उत्तरपट्टा हाउ इत्यादिकम् / खेत्तओ विमग्गेजा जाव उ छ सत्त जोयणसयाई। बारस समाउ कालओ उकोसेण विमग्गेजा / / आलोचनादाता निरीक्षणीयः इति शेषः /