________________ 454 श्री गोलनगरीय पार्श्वनाथप्रतिष्ठा-प्रबन्ध पार्श्वप्रभु श्री तख्त विराजित, अवरबिंब शुभ साथ / दीपचंद शेठ श्री संघनायक, करे गोलसंघ साथ रे॥भयो०॥२॥ मुनिप्रवर श्रीकल्याणविजयजी, सौभाग्यविजयजी संगे / गुरां साहेब श्री भक्तिसोमजी, करे क्रिया शुभरंगे रे // भयो०॥३॥ रंग बेरंगी धजा वावटा, मंडप रचना भारी। विविधवाजिंत्रमधुरध्वनि से, सोहत प्रभु अस्वारी रे॥भयो०॥४॥ ब्रह्मचर्याश्रम-संगीतमंडल, सिद्धक्षेत्रथी आवे / गीत-नृत्य-वाजिंत्रलयोथी, नागर' प्रभुगुण गावे रे॥भयो०॥५॥ 2 गायन (राग-बीरा वेश्याना यारी०) धन्य ओच्छव आजे, प्रभुजी बिगजे, आनंद मंगल आज, / प्रभु पार्श्व विराजे, शिवसुखकाजे, आनंद-मंगल आज, // 0 // सरिता सुखडी तीर मनोहर, गोलनगर सुस्थान। . जैनप्रभाकर पार्श्वप्रभुजी, कीधी करुणा महान रे ।।धन्य० // 1 // नायक संघतणा दीपचंदजी, शेठ शूरा गुणवान / निःस्वार्थ भावे प्रेमभक्ति थी, कार्य बजावे सुजान रे ॥धन्य 0 / 2 / मुनिप्रवर श्री कल्याणविजयजी, सौभाग्यविजयजी साथ / गुरां साहेब श्री भक्तिसोमजी, करे क्रिया भलिभात रे।धन्य०।३।