________________ 319 श्रीजैनशान-गुणसंग्रह पाले विधिसुं अंग, फरती फुदडी चंग, आलेलाल हाव भाव बहु हेतसुं जी / सांभल स्वामीनी वात, सिंहने घाले घात, आछेलाल राइनो पाड राते गयो जी // 10 // सो घालक साथे रोइ, पावइयाने पानी न होय, आछेलाल पथ्थर फाटयो ते किम मलेजी / समुद्र मीठो न थाय, पृथ्वी रसातल जाय, आछेलाल सूर्य उगे पश्चिमदिशे जी // 11 // तिबोधी इम कोश, छोडी रागने रोप, आछेलाल द्वादश व्रतने उचरे जी। पूरण कीधो चोमास, आध्या श्री गुरुपास, आछेलाल दुक्कर दुक्कर तूं सही जी // 12 // चीस वरस घर वास, पुरी सहुनी आश, आछेलाल पञ्च महावत पालता जी / धन्य मात धन्य तात, नागर न्याति कहात, आछेलाल वारु वंश दिपावियो जी // 13 // जे नर नारी गाय, तस घर लच्छी सवाय, आछेलाल पभणे शांति मयाथकी जी // 14 //