________________ 254 3 स्तवनसंग्रह . श्री शांतिनाथ गायन (वीरा वेश्याना यारी यह देशी) श्री शांति तुमारी, छे बलिहारी, जग विषे जिनराज / पूरो आशा अमारी, दइ सुखकारी, छे बलिहारी जग विषे जिनराज // 0 // ___कुसुमवासित आसन सुंदर, धूपधूमादिनी धूम / उडी रहीं अलबेला स्वामी, नाचु छनक छुम / भाव अंतर धारी, ज्ञान सुधारी, छे बलिहारी, जगविषे जिनराज / श्री शांति० // 1 // रोग शोक वियोग विदारी देजो दर्शन दान / गाजता गंभीर मृदंग साथे, नित्य लगावू तान / प्रभु भक्ति वधारी, जय जय कारी, छे बलिहारी जग विषे० // 2 // मुकुट मंडल काने कुंडल, चमके झाक झमाल / शांति संघमां शांति फेलावी, करजो मंगलमाल / मागे 'नान' विचारी, विनयधारी, छे बलिहारी, जगविषे जिनराज / श्री शांति० // 3 // श्री कुंथुनाथ स्तवन (आशक तो हो चुका हूं यह चाल) कुंथुजिनंद प्यारा, नमता हूं नाथ तुम को / आं०.। शक्ति अनंत भरिया, समतासुधा का दरिया / मुक्तिवधू को वरिया, नमता हूं नाथ तुम को। कुंथु०॥१॥