________________ 288 . 5 विविध विचार विशेष खुलासा ऊपर जो नक्षत्रों के आधार से कष्ट का कालमान बतलाया है वह चंद्र और तारा अनुकूल प्रतिकूल न होने की दशा में समझना चाहिये। यदि चंद्र अथवा तारा अनुकूल हो तो इस काल से कुछ पहले भी रोगनिवृत्ति हो सकती है, इसी तरह चंद्र तारा के प्रतिकूल होने पर लिखे हुए मान से कुछ अधिक दिन तक भी कष्ट भोगना पडता है। मुनि कल्याणविजय इति श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह प्रथम खण्ड समाप्त /