________________ __ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह . 187 तो बहुत समय तक रोग बना रहता है और बड़े कष्ट से रोग की निवृत्ति होती है। 1 मास पीछे रोग निवृत्तिमृगशिरा और उत्तराषाढा में रोग उत्पन्न हुआ हो तो 1 मास में रोगी नीरोग हो। 20 दिन के बाद रोग निवृत्ति___यदि रोग मघा नक्षत्र में उत्पन्न हुआ हो तो वीस दिन के बाद मिटे / 15 दिन के बाद रोग निवृत्ति- हस्त, विशाखा, धनिष्ठा इन नक्षत्रों में उत्पन्न हुआ रोग 15 दिने के बाद मिटता है। . 11 दिन पीछे रोग निवृत्तिभरणी, चित्रा, श्रवण और शततारका इन नक्षत्रों में उत्पन्न हुआ रोग 11 दिन के बाद मिटता है / 9 दिन के बाद रोगनिवृत्तिअश्विनी, कृत्तिका और मूल में रोग उत्पन्न हुआ हो तो 9 दिन पीछे मिटे / 7 दिन में रोग निवृत्तिरोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी और उत्तराभाद्रपद इन नक्षत्रों में होने वाला रोग 7 दिन में अच्छा होता है।