________________ श्रीनमस्कारमहामन्त्रमाहात्म्यसूक्तानि 297 उद्यापनं यत्तपसः समर्थने, तश्चैत्यमौलौ कलशाधिरोपणम् / फलोपरोपोऽक्षतपात्रास्तके, ताम्बुलदानं कृतभोजनोपरि।२। 127 श्रीनमस्कारमहामन्त्रमाहात्म्यसूक्तानि ससिधवला अरिहंता, सिद्धा वरपम्मरागसंकासा / कणगाभा आयरिया, उवझाया पुण पियंगुनिहा // 1 // अंजगमणि पहा तह, लोए सव्वे वि साहुणो विविहा / इय परमेट्ठिपयाई, पंच वि झाइज्जइ विहिगा // 2 // एयाण नमुक्कारो पंचण्हं होइ मंगलं पढमं / उड्ढमहोतिरियंमि वि, एसु च्चिय सासओ मंतो // 3 // एरवरहिं पंवहि, भरहेहिं संपढिज्जई य / अईयअणागयकाले, एसो चिय जिणनमुक्कारो // 4 // सद्विसयं विजयाणं, पवराणं जत्थऽणाइजिणधम्मो / सासयकालो वट्टइ, तत्थ वि इमो चेव य नमुकारो // 5 // जम्मि वासरे पढिज्जइ, जेणिह जीयस्स होइ फलरिद्धी। अवसाणे वि पढिज्जइ जेण मओ सग्गइं जाइ // 6 // आवईहिँपि पहिज्जइ, जेण य लंवेइ आवइसयाइं / रिद्धीहिपि पढिजइ, जेण य सा होइ वित्थिण्णा // 7 // जह अहिणा दवाणं गारुडमंतो विसं पणासेइ / तह नवकारो मंतो, पावविसं नासइ असेसं // 8 //