________________ प्रमादत्यागसूक्तानि 189 तन्वीनेत्रचकोरपार्वणविधौ सौभाग्यलक्ष्मीनिधौ, धन्यः कोऽपि न विक्रियां कलयति प्राप्ते नवे यौवने // 22 // वसन्ति नो बसे जस्स, इन्दियाइं कसायवग्गो य / निच्छयं सो अ अन्नाणि, नाणासत्थे सुणन्तो वि // 23 // पादाहतः प्रमदया विकसत्यशोकः शोकं जहाति वकुलो मधुसीधुसिक्तः। आलिङ्गितः कुरुबकः कुरुते विकासमालोकितस्तिलक उत्कलितो विभाति // 24 // अज्ञानाद् रमते बालः स्वपुरीषेऽपि मुग्धधीः जुगुप्सनीये मोहान्धस्तथा विषयकर्दमे // 25 // जह कच्छूलो कच्छं, कंडुयमाणो दुहं मुणइ सुक्खं / मोहाउरा मणुस्सा, कामस्स दुहं सुहं विति // 26 // विषयगणः कापुरुष, करोति वशवर्तिनं न सत्पुरुषम् / बध्नाति मशकमेव हि, लूतातन्तुर्न मातङ्गम् // 27 // विषयाणां विषाणां च, दृश्यते महदन्तरम् / उपभुक्तं विषं हन्ति, विषयाः स्मरणादपि // 28 // रूपसेनो गर्भगतः, सर्पो ध्यांक्षोऽथ हंसकः / मृगोऽपि मारितो जातो हस्तित्वं सप्तमे भवे // 29 // इच्छाविच्छेयत्थं, भोगे भुंजंति भोइणो जे ते। सिंचंति पसमणट्टा, आहुईए हुयासणयं // 30 //