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________________ 50 | बाहुबलि तथा बादामी चालुक्य ने अपनी निष्ठा चालुक्यों के प्रति दिखा दी। इंद्रनंद कण्णशक्ति, रविशक्ति, श्रीवल्लभ सेनानंद, भीमशक्ति, वनशक्ति अरस, कुंदशक्ति अरस दुर्गशक्ति, पोगिल्लि सेंद्रक महाराज (682-96) नागशक्ति (749) तथा माध्वशक्ति ने अपने अधिराजा चालुक्यों की सेवा की। सेंद्रकों ने अपने अधिपतियों के स्नेह तथा विश्वास का आनंद उठाया। पुलकेशी द्वितीय के पुत्र कीर्तिवर्म प्रथम ने (566-96) सेंद्रक परिवार की राजकुमारी से विवाह कर लिया था। दूसरे शब्दों में सम्राट पुलकेशी द्वितीय (610-42) सेंद्रक राजकुमारी का पुत्र था जो श्रीवल्लभ सेनानंद की बहन थी। इस प्रकार अपने माँ की ओर से वह पुलकेशी का ससुर था। इस विवाह से दोनों राजवंशों में सौहार्दपूर्ण स्नेहसंबंध स्थापित हुए। भीमशक्ति स्वयं को सत्याश्रय अर्थात पुलकेशी का पादपद्मोजीवि कहता था। इसी प्रकार कुंदशक्ति का पुत्र दुर्गशक्ति था। नागरखंडो का प्रमुख श्री पोलिगिल्ली सेंद्रक, विनयादित्य (681-96) का सांमंत था। नागशक्ति संभवतः सेंद्रक वंश का मान्यता प्राप्त प्रमुख था और साथ ही भानुशक्ति पहले शासकों के समान परिवार का भूषण था जो कीर्तिवर्म (745-57) द्वितीय के मांडलिक के रूप में फल-फूल रहा था। माधवशक्ति उपनाम माधवत्ति अरस अंतिम ज्ञात सेंद्रक तथा राजपाल ने कीर्तिवर्म द्वितीय की सेवा की। उसके बाद साथ-साथ दोनों चालुक्य तथा सेंद्रक राजनीतिक उपेक्षा के स्तर पर पहुंचे। 4. औ) सिंद वंश सिंदों का राजनीतिक इतिहास कभी भी आकारविहीन और उनकी ज्ञात वंशावली खंडित है। बेलगुत्ति, रेंजेरु, बागडगे, कुरुगोडु पत्र्यंडक तथा एरंबरगे के सिंद उनकी परवर्ती शाखाएँ थीं। __सिंद, भोगवती पुरवराधीश्वरस के रूप में जाने जाते थे, जो नागवंशी थे। कदंबों तथा चालुक्यों के प्रांत में, सातवीं तथा आठवीं सदी में,चालुक्यों की अधीनता में सिंदों ने प्रशासनिक पद प्राप्त किया था। आडूरु के शिलालेख के अनुसार, सिंदरस, चालुक्यों के अंतिम शासक कीर्तिवर्म द्वितीय ( 745-57) का स्वामिभक्त बनकर पान्थिपुर, वर्तमान हानगल- हावेरी जिले पर शासन कर रहा था। विक्रमादित्य द्वितीय ( 655-81) के शासनकाल में कुक्कनूर के अभिलेख में सिंदरस के प्रांत के प्रमुख होने का उल्लेख है। सिंद, गांगि-पांडिवूरु, वर्तमान आडूरु के प्रभारी थे। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004380
Book TitleBahubali tatha Badami Chalukya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagarajaiah Hampa, Pratibha Mudaliyar
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan tatha Anusandhan Sanstha
Publication Year2014
Total Pages236
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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