________________ 116 | बाहुबलि तथा बादामी चालुक्य Ambika, Museum, Aihole उसने अगनीला तथा बच्चों को घसीट कर घर से बाहर निकाल दिया। अगनीला बच्चों को लेकर उज्जयंतगिरी (गिरनार पर्वत) पर आयीं और वरदत्तमुनि से मिली। एक सूखे आम्रवृक्ष ने उसके भूखे बच्चों को फल दिये। इधर अगनीला के जाने के बाद चमत्कार होने लगे। कइयों को खिलाने के बाद भी अगनीला द्वारा बनाया गया भोजन खतम ही नहीं हो पा रहा था। अपनी भूल का अहसास होते ही क्रोधी सोमशर्मा उसको वापस ले जाने के लिए दौडा चला आया। अगनीला अपने पति का मानस समझ नहीं पायीं और दुख और सदमे से Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org