________________ 204 मृत्यु की दस्तक भगवती आराधना, 5, 27, 34, 35, 36 मस्तिष्क मूल (ब्रेनस्टेम - जिसमें मध्य मस्तिष्क, भट्ट 'कुमारिल, 64 पास और मेंडुला). 10, 133 भारतीय प्रज्ञा के अनुसार मृत्यु परलोक और पुनर्जन्म महाकाल अपनी “तीसरी आंख" से सृष्टि का अन्त के बीच का द्वार, 132 करते हैं, 3 भास्करराय, 63, 64, 65 महाकाल-शंकर, 3, 134 भीष्म पितामह, 127 महानिद्रा, 10 भूमियोग, 112 महाप्रयाण, 9, 95 भू-समाधि, 115 महाब्राह्मण, 124 "भोगयोनि', 155 महाभारत, 98, 106, 127, '136 भोगवादी (एपीक्यूरियन्स), 129 महामरण, 40 भ्रूणकोश, 134 महामुक्ति पाने में समर्थ कौन, 153 भ्रूण-हत्या, 38 महारपदे, 47 महास्वामी, चन्द्रशेखर 4, 17 मकर संक्रान्ति, पितरों का पर्व 122 महेश के वर्ष, 92 मर्त्यलोक, 160 माँ बनने एवं माँ नहीं बनने के अधिकार की माँग, मध्यमा क्रिया, 119 38 . मन ही आत्मा है, 129 मानव का एक वर्ष देवताओं के लिए एक दिन-रात . मनुष्य का मृत्यु को भूल जाना और कुकर्म करना, के बराबर, 92 60 मानव की आयु सौ वर्ष, 92 मनुष्य आत्मा और शरीर का संयोग है, 129 मानव मृत्यु का हरण, 2 मनुष्यत्व, 155 मानव रूपी शरीर की दशम द्वार रूपी गुफा, 48 मनुस्मृति, 64 मानव सभ्यता और संस्कृति टिकी है केवल मृत्यु मंगल, 100 के भय पर, 137 मंसूर को सूली चढ़ते हुए लगा कि उसकी शादी मानस, 7, 86 ____ हो रही है, 130 मामून की सल्तनत, 58 मरण और यम, 7, 78 मॉलर डेथ, 134 मरण के चार प्रकार, 9, 24 मॉलिक्यूलर डेथ, 1340 मरण के दो भेद, 22 मिथिला में मृत्यु के समय भूमियोग का विशेष मरण के सत्रह प्रकार, 35 __ माहात्म्य, 113 मरण, पाँच प्रकार के, 35 मिनती, 11, 148 मरणानुस्मृति, 24 मिश्र, संतोष कुमार, 9, 110 मरणोपरान्त जीवन, 2 मिश्र, त्रिलोकनाथ, 9, 100 . मरना-मारना, 9, 96 मिस्र में "द्विआत्मा" का सिद्धांत, 129 मरने की कला, 156 मीमांसा, 1 मरने के बाद की स्थिति के तीन प्रकार, 184 मीराबाई, 45 मर्टन, 12, 174 मुक्ति , 8 मृतक शरीर को कत्रिम रूप से "जीवित रखने की मुनि, शिवानन्द, 63 व्यवस्था, 3 मुमुक्षुजन, 64 मस्तिष्क के कोष, 10 मुसलमान और ईसाई न्याय दिवस. 145 मृच्छकटिक, 139