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________________ अनुक्रमणिका 205 127 मृत शरीर पुनः जीवित हो सकता है, 130 मृत्यु के लिये शोक करने की जरूरत नहीं, 127 मृत्यु, 1, 7, 11, 77, 131 मृत्यु के समय की अनिश्चितता, 24 मृत्यु अटल सत्य, 26 मृत्यु के स्मरण का लाभ, 57 मृत्यु अवश्यमभावी, 4 मृत्यु को परमेश्वर कहना, 7 मृत्यु और कवि, 59 मृत्यु को मृत्यु की “लम्बी नींद" कहना, 11 मृत्यु और पुनर्जन्म, 2 मृत्यु-चिन्ता महामुक्ति का मार्ग, 153, 154 मृत्यु और यम शब्द पर्यायवाची, 65 मृत्यु चिरंतन निद्रा, 130 मृत्यु एक अवस्था परिवर्तन मात्र, 52 मृत्यु जब निकट हो, 57 मृत्यु एक कमनीय और रमणीय युवती, 127 मृत्यु जीवन का अन्त नहीं मात्र शरीर का परिवर्तन. मृत्यु एक दृश्य-प्रपंच है जिससे समस्त विश्व में 40 नैसर्गिक एकत्वंता का बने रहना, 2 मृत्यु जीवन का अभिन्न अंग, 21 मृत्यु एक रहस्य, 128 मृत्यु जीवन का आधार, 11 मृत्यु का अशौच.. 116 मृत्यु जीवन का शाश्वत् सत्य, 44 मृत्यु का आदेश ईश्वर के द्वारा, 54 मृत्यु जीवन से अधिक व्यापक, 3, 9 मृत्यु का आनन्दमयी उत्तम स्वरूप, 13 मृत्यु जीवन है, 3 मृत्यु का चक्र, 1 मृत्यु धीरता से भी प्राप्त होती है और कायरता से, मृत्यु का प्रभाव केवल शरीर पर, 53 27 - मृत्यु का भय मृत्यु से भी ज्यादा भयकारक, 131 मृत्यु नहीं तो जीवन कहां, 11 मृत्यु का रहस्योद्घाटन, 2 मृत्यु पर विजय, 2 मृत्यु का वरण करना, 2 . ' मृत्यु पहेली नहीं अनंत यात्रा का समाधान, 131 मृत्यु का शोक क्यों?, 152 मृत्यु-भय, 11, 138, 143, 145, 159 मृत्यु किसी पाप का परिणाम नहीं है, 1 मृत्यु-भय क्यों?, 149 मृत्यु की अनादिनिधनता, सार्वभौमिकता, मृत्यु-महोत्सव, 26, 27, 29 असांप्रदायिकता स्वतः सिद्ध है, 30 मृत्यु मात्र सपना, 140 मृत्यु की. छाँव तले ही जीवन को विराम मिलता है, मृत्यु शब्द का कुरआन में वर्णन, 50 137 मृत्यु से कभी भी छूट न सकना, 25 मृत्यु की वास्तविकता अप्रत्यक्ष, 51 मृत्यु से कहीं भी, कभी भी छूट न सकना, 25 मृत्यु की सहेली है जीवन, 13 मृत्यु से ही जीव अमरत्व प्राप्त करता है, 1 मृत्यु की सार्वभौमिकता, 1, 9 मृत्यु-संस्कार, 112 मृत्यु के कर्मकाण्ड, 9. मृत्यु संस्कार - पूर्वा, मध्यमा तथा उत्तरा - तीन मृत्यु के कारणों की अधिकता, 25 चरण, 9 मृत्यु के चार कारण, 22 मृत्यु सर्वव्यापी, 56 मृत्यु के देवता यम, 7, 130 मृत्युकर्म-संस्कार, 42 मृत्यु के दो पर्याय, 7, 78 मृत्युदण्ड, 132 मृत्यु के पश्चात् और कयामत से पहले आत्मा का मृत्युरहित कौन, 7 . निवास, 53 मृत्युलोक, 108 __ मृत्यु के प्रकार, 96 . मृत्योर्मामृतमगमय, 70, 131 मृत्यु के बाद मृत शरीर की स्थिति समानधर्मा मेलान, 13, 181 होती है, 184 मेलान नामक लोक अवधारणा में व्यक्ति मृत्यु का मृत्यु के लिए प्रयुक्त प्रमुख शब्द, 9, 94 अनुभव, 180
SR No.004376
Book TitleMrutyu ki Dastak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBaidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
PublisherD K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan
Publication Year2005
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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