________________ अनुक्रमणिका 203 प्राणी के तीन शरीर, 5, 42 प्रायोपगमन मरण, 36 पूर्वा क्रिया, 112 पूर्वजन्मवादी और आधुनिक विकासवादी का एक - मत, 145 प्रेत को वैतरणी पार करनी होती है, 131 प्रेतयोनि, 108 फलित ज्योतिष, 100 फ्रॉयड, 141 पितरों से सम्बन्धित पर्व,-122 पितृपथ, 133 पितृपक्ष श्राद्ध, 108, 121 पितृमेध, 117 पितृयान, 133 “पीर' प्रेत, 186 पुद्गल, 5 पुद्गल-द्रव्य, 41 पुनर्जन्म, 4, 5, 20, 129, 131, 184, 189 पुनर्जन्म का सिद्धान्त, 143 पुनर्जन्म के नये स्थान, 43. पुनर्जन्मवादी, 10 पुराण, 67, 132 पुराणों में नरकों का विशद वर्णन, 131 पुरुष परीक्षा, 168 पुरुषार्थ, 7 पुरुषार्थ चार प्रकार के, 66 पूराचरन (मेलान), 182 पृथ्वी के ऊपर सात लोक, 131 पृथ्वी के नीचे सात लोक, 131 . पौद्गलिक शक्ति, 40, 41 प्रकृति आत्मतत्त्व से भिन्न सत्ता है, 7, 85 प्रकृति एवं पुरुष के संयोग से ही जन्म प्रक्रिया का - होना, 85 प्रकृति का त्रिगुणात्मिका होना, 85 प्रकट मरण, 22 प्रजनन ही अमरत्व, 135 प्रजापति, 70 प्रजापति की प्रेरणा से प्राण (पंचक) ने शरीर त्याग किया, 71 प्रजापति ही मृत्यु है, 6, 72 प्रस्थानत्रयी में गीता का स्थान, 83 . प्राण, पाँच प्रकार के, 167 प्राण का अभाव ही शरीर की मृत्यु, 75 प्राण के दस भेद, 9, 94 प्राण तत्त्व. 41 प्राणमृत्यु है, 71 प्राणानाम तनुनिष्क्रांतिर मरणं, 19 प्राणान्त, 94 "बरजख' जिन्दगी की परिभाषा, 53 ब्रह्मपथ, 133 ब्रह्मलोक, 86 ब्रह्मसूत्र, 84 ब्रह्मा का वर्ष, 92 ब्रह्माण्ड, 1 "बा' जो अशरीरी है मरण के बाद पितरों के लोक में चली जाती है, 129 बादरायण व्यास, 83 बाह्य सल्लेखना, 36 बिना आत्मा को समझे मृत्यु को समझना कठिन, 129 बीजक, साखी, 157 बुखारी मुस्लिम, 55 बुद्ध, (महात्मा) 183 "बुद्धत्व', 154 बुभुक्षा मृत्यु है, 6, 72 बृहदारण्यक उपनिषद, 44, 65 बौधायन, 117 बौद्ध, 2, 3 बौद्ध दृष्टि में मृत्यु, 4 बौद्ध क्षणिकवादी, 21 ब्यूबर, मार्टिन, 12, 169 ब्राह्मण, 83, 117 ब्रेनस्टेम, 10 भक्तप्रत्याख्यान, 36 भक्तप्रत्याख्यान के दो भेद, 36