________________ 200 . . मृत्यु की दस्तक 144 ऐतरेयोपनिषद्, 7, 75 कृष्ण, 19, 84, 110, 127, 151 कृष्ण ने स्वयं को यम, काल और मृत्यु कहा, 7. 77. कठोपनिषद्, 6, 7, 64, 65, 73, 74. 78, 79, 88, कृष्णमूर्ति, 13 106, 110, 111, 162, 176 केतु, 100 कबीर (संत / महात्मा), 8, 10, 11, 13, 45, 86, कैलाश, 131 _131, 154, 156, 189, 192 कैवल्य (मोक्ष), 86 कबीर युगद्रष्टा थे, 195 कैवल्योपनिषद्, 161 कब्र, 53, 54 कोशिका, 146 कयामत, 54 कोशिकाओं के केन्द्रक, 143 कयामत (निर्णय) के दिन, 56 क्लोनिंग, 146 करपात्री जी महाराज, 64 कर्मकाण्ड, 112, 117 खन्ना, सुषमा, 176, 13 कर्मकाण्डी, 193 कर्मयोनि, 155 गणित, 100 कर्मवाद और जन्मान्तरवा -दूसरे के परिपूरक, गया श्राद्धकर्म, 121 . गरुड़ पुराण, 9, 107, 109 कर्मक्षय, 23 गरुड़ पुराण मृत्यु के कर्मकाण्ड का एक आवश्यक कल्पवृक्ष, 4 अंग,9 कविराज गोपीनाथ, 167 गाढ़ी नींद, 11 कशेरूका, 133 गांधी, महात्मा, 13, 188 कषाय चार प्रकार के, 26 गिरि, कुसुम, 12, 171 . “का” (श्वास, प्राणवायु) मरती नहीं, 129 गिरि, रघुनाथ, 8, 87 कॉरपोरल सोल, 129 गीता, 7, 8, 11, 19, 45, 47, 60, 67, 85, 86, 89, कार्टेस, रेने डे, 129 111, 127, 129, 132, 159, 160, 162, 163, कार्डिएक ऐरेस्ट्स, 39 175 कार्डिनर, 172 गीता का प्रथम श्रोता अर्जुन, 84 . काल (मृत्यु), 7, 77 गीता स्वयं उपनिषद, काल, मृत्यु, यम और व्याधि, सब एक ही, 63 गीताकार, 84 कालमरण, 23 गीतायें चाहे महाभारत के अन्तर्गत की हों या कालवंचन, 67 पुराणों के, 80 काल = समय की गणना, 72 गीतोपनिषद, 106 कालिदास, 67 ग्रीक परम्परा में मृत्यु, 97 किरत-कर्म, 45 गुणसूत्र, 143 किरत धर्म, 5 गृह्य-सूत्र, 116 कीर्तिलता, 12, 1 गेरे, 139 कुमारिल भट्ट का आत्घाती प्रायश्चित्त विधान, गोर्की ने अपनी ही पिस्तौल से अपने को मारा, 140 ____139 कुरआन, 6, 50, 51, 53, 54, 55, 56 गोलोक, 131 कुरआन व हदीस, 52 गौतमी की कथा, 127 कूर्म पुराण की ईश्वरगीता, 81