________________ अनुक्रमणिका 199 आत्मा, 51, 129 . इकबाल, अल्लामा, 59 आत्मा (अंगुष्ठमान शरीर), 108 इच्छामरण (युथेनेसिया), 38, 97 आत्मा अपने आप में स्वतंत्र है, 129 इब्न नबी दुनीया, 54 आत्मा अशरीरी है, 129 इमाम इल कय्यूम, 6, 53 आत्मा आदमी को व्यक्तित्व तथा मानवता प्रदान इमाम गजाली, 6, 50, 51, 52, 53 करती है, 129 इस्लाम, 2, 3, 6, 117 आत्मा और पुद्गल का संयोग ही जीवन, 40 इस्लाम के निर्देश जीवन एवं मृत्यु दोनों से आत्मा का जन्म और मरण रहित होना, 11, 141 सम्बन्धित, 51 आत्मा का मरणोपरान्त भी जीवित रहना, 53, 129 आत्मा का रहस्य, 51 ईथीरियल सोल, 129 आत्मा का रूप अस्पष्ट, 129 ईमान बिल गैब (अदृश्य पर विश्वास), 53 आत्मा की अमरता, 138 ईशदूत के लिए मृत्यु का स्पष्टीकरण, 56 आत्मा देवता स्वरुप, 129 ईशोपनिषद, 73 आत्मा नष्ट नही होती, 52 ईश्वर, 2 आत्मा नहीं है - केवल मन की कपोल-कल्पना, ईसा मसीह, 2, 151 130 ईसाई, 2, 117, 129 आत्मा शरीर का अभिन्न अंग, 129 ईसाई सम्प्रदाय, 129 आत्मा ही अमृत, 11 आत्मा ही शरीर की नियंत्रक, 129 उपच्छेदक कर्म, 23 आत्मा ही "स्व' है, मन है, प्राण है, 129 उपनिषद् और पुराण, 9, 109 आदिग्रन्थ, 45, 48 उपनिषद् के ऋषि, 88 आदित्य भी मृत्यु है, 6 उपनिषद् में मृत्यु पर विजय प्राप्त करने की आदिमजातीय संस्कृति, 2 पद्धति, 65 आनापानस्मृति, 66 उपसेचन, 7 आनुवांशिक विद्याएँ, 144 उभयक्षय, 23 आनुश्रविक विदविहित), 66 उमवी खलीफा उमर बिन अब्दुल अजी, 58 आभयन्तर सल्लेखना, 36 उलूम, अहयाउल, 52, 54, 57, 58 आयुष्य-समाप्ति का नाम मृत्यु है, 7 उसामा विन जैद, 55 आयुःक्षय, 23 ऋग्वेद, 66, 88, 111 आराधना, 35 ऋग्वेद संहिता, 8, 87 आराधना के दो भेद, a ऋजुविमर्शिनी टीका, 63 आवरण पाँच हैं - अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय, 131 एक कबीरा ना मरा जाको राम अधार, 188 आश्वलायन, 116, 117 . एकनाथ (सन्त), 45 ओझा आत्मा को पकड़ने के उपकरण बनाते हैं, एकल अग्नि संस्कार, 114 130 एकादशाह श्राद्धकर्म, 119 ओझा आत्मा चुरा लेते है, 130 एक्विना, थामस, 129 औदुम्बर या गूलर की लकड़ी का प्रयोग अस्थि / एक्सटिंग्विशन, 3 संचय के लिए, 116 एम्मेदोक्लीज ने ज्वालामुखी के मुँह में छलाँग लगाकर मृत्यु प्राप्त की, 139