________________ 158. मृत्यु की दस्तक और सत्य का सामना करते हुए सत्कर्म करें। इस प्रश्न के उत्तर में महायोगी श्री अरविन्द जी का कथन श्रेय है - परमोच्च प्रभो सत्य नित्य त्वमेव केवलम् / अनुवर्तामहे सत्यं अनुजीवाम केवलम् / / अर्थात् हे परम प्रभु “शाश्वत् सत्य” हम केवल तेरी ही आज्ञा मानें और "सत्य" के अनुसार जियें।