________________ 27] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः प्रयोदशमी विभागः णदिन्ने उड्डाह पयोस चारभंडा // 576 // थेरो गलंतलालो कंपणहत्थो पडिज वा देतो। अपहुत्ति य अचियत्तं एगयरे वा उभययो वा // 580 // अवयास घाय(भाण) भेश्रो वमणं असुइत्ति लोगगरिहा य उड्डाहो / एए चेय उ (पंतावणं च) मत्ते वमणविवजा य उम्मत्ते // 581 // वेविय परिसाडणया पासे व छुभेज भाणभेयो वा / एमेव य जरियमिवि जरसंकमणं च उड्डाहो // 582 // उड्डाह कायपडणं अंधे भेयो य पास छुहणं च / तहोसी संकमणं गलंत-भिसभिन्न देहे य // 583 // पाउय-दुरूढपडणं वद्धे परियाव असुइ खिंसा य / करछिन्नासइ खिंसा ते चिय पायेऽवि पडणं च // 584 // याय-परोभयदोसा अभिक्ख-गहणंमि खोभण नपुसे / लोगदुगुंछा संका एरिमया नूग मेएऽवि / / 585 // गुम्विणि गम्भे संघट्टणा उ उटुंतुवेसमाणीए / बालाई मंसुडग मज्जाराई विराहेजा / / 586 // भुजंती श्रायमणे उदगं छोट्टी य लोगगरिहा य / घुसुलती संसत्ते करंमि लित्ते भवे रसगा // 587 // दगबीए संघट्टण पीसणकंडदल भजणे डहणं / पिंजंत रुचणाई दिन्ने लिते करे उदगं // 588 // लोणंदगयगणि वत्थी फलाइ मच्छाइ सजिय हत्थंमि / पाएणोगाहणया संघट्टण सेसकाएणं // 581 // खणमाणी धारभए मजइ धोयइ व सिंचए किंचि / छेयविसारणमाई दिइ छट्टे फुस्फुरुते // 510 // छकाय-वग्गहत्था केई कोलाइ कनलइयाई / सिद्धत्थग-पुष्पाणि य सिरंमि दिन्नाई वजंति // 511 // अन्ने भणंति दससुवि एसणदोसेसु नत्थि तग्गहणं / तेण न वज्जं भन्नइ नणु गहणं दायगग्गहणा // 512 // संसजिमम्मि देसे संसजिम-दव्वलित्त-करमत्ता / संचारो श्रोयत्तण उविखप्पंतेवि ते चेव // 513 // साधारणं बहूणं तत्थ उ दोसा जहेव अणिसिट्टे / चोरियए गहणाई भयए सुराहाइ वा दंते // 514 // पाहुडि उवियगदोसा तिरिउमहे तिहा अवायायो / धम्मियमाई ठवियं परस्स परसंतियं वावि // 515 // अणुकंपा पडिणीयट्ठया व ते कुणइ