________________ 'श्रीपिण्डनियुक्तिः ] . भो वी // 411 // चुन्ने अंतद्वाणे चाणक्के पायलेवणे जोगे। मूल विवाहे दो दंडिगी उ यायाणपरिसाडे / / 500 // जंघाहीणा योमे कुसु. मपुरे सिस्लजोग-रहकरणं / खुडुदुगंजण सुणणा गमणं देसंतरे सरणं // 44 // भिक्खे परिहायंते थेराणं तेसि योमि दिताणं / सहभुज चंदगुत्ते योमोयरियार दोबल्लं // 45 // चाणक पुच्छ इट्टालचुराणदारं पिहित्तु धूमे य / द? कुच्छ पसंसा थेरसमीवे उवालंभो // 46 // (भा०) जे विजमंतदोसा ते चिय वसिकरणमाइचुन्नेहिं / एगमणेग परोसं कुजा पत्थारयो वापि // 501 // सूभगदुभग्गकरा जोगा श्राहारिमा य इयरे य / पापंसधूववासा पायपलेवाइणो इयरे // 502 // नइकराहबिन्न दीवे वंचसया तावसाण निवसति / पत्वदिवसेसु कुलवई पालेवुत्तार सकारे // 503 // जण सापगाण खि लण समियखण माइठाण लेवेण / सावय पयत्तकरणं यविणय लोए चलणधोए // 504 // पडिलाभिय वच्चंता निब्बुड नइकूल मिलण समियाऽऽयो / विम्हिय पंचसया तावसाण पव्वज साहा य // 505 // यकुमार खयं जोणी विवरीयट्ठा निवेसणं वावि, गम्मपए पायं वा जो कुबइ मूल कम्मं तं ॥(प.) अधिई पुच्छा अासन्न विवाहे भिन्नकन्नसाहणया / यायमणपियण योसह अवखय जज्जीवहिगरणं // 506 // जंघा परि जय सड्डी अद्धिइ याणिजए मम सवत्ती / जोगो जोणुग्घाडण पडिसेह पोस उड्डाहो // 507 // मा ते फंसेज कुलं यदिजमाणा सुया वयं पत्ता / धम्मो य लोहियस्सा जइ बिंदू तत्तिया नरया // 508 // किं न ठविजइ पुत्तो पत्तो कुलगोत्त-कित्तिसंतागो। पच्छावि यतं कज्ज असंगहो मा य नासिज्जा // 50 // कि अद्धि इत्ति पुच्छा सवित्तिणी गम्भिणित्ति से देवी / गम्भाहाणं तुज्झवि करोमि मा अद्धिई कुणसु // 510 // जइवि सुत्रो मे होही तहवि कणिहोत्ति इयरो जुवराया। देइ परिसाडणं से नाए य पयोस पत्थारो // 511 // संखडिकरणे कापा. कामपवित्तिं च कुणइ एगत्थ / एगत्थुड्डाहाई जजिय