________________ श्रीपिण्डनियुक्तिः ] . [ 61 तु संजयटाए / उप्पायणा निमंतण कीडगडं अभिहडे ठविए // 30 // सागारि मंख छंदण पडिसेहो पुच्छ बहु गए वासे / कयरिं दिसिं गमिस्सह ? यमुई तहिं संथां कुरइ // 310 // दिज्जते पडिसेहो कज्जे घेत्थं निमंतणं जइणं / पुरगय यागएसु संछुहई एगगेहमि // 311 // धम्मकह वाय खमणं निमित्त पायावणे सुयट्ठाणे / जाई कुल गण कम्मे सिप्पम्मि य भावकीयं तु // 312 // धम्मकहाअक्खित्ते धम्मकहाउट्ठियाण वा गिरहे / कडांति साहयो चिय तुमं व कहि ? पुच्छिए तुसिणी // 313 // किंवा कहिज छारा दगसोयरिया व अवज्गारस्था। किं छगलगगल-बलया मुंडकुडुबी व कि कहए ? // 314 // एमेव वाइ खमए निमित्त-मायावगम्मि य विभासा / सुयठाणं गणिमाई ग्रहवा वाणायरियमाई // 315 // पामिच्वंपि य दुविहं लोइय लोगुत्तरं समासेण / लोईय सझिलगाई लोगुत्तर वस्थमाईसु // 316 // सुययभिगमनाय विही बहि पुच्छा एग जीवइ ससा ते / पविसण पाग निवारण उच्छिदण तेल्ल जइदाणं // 317 // अपरिमिय. नेहवुड्डी दासत्तं सो य यागयो पुच्छा / दासत्तकहण मा रुय अचिरा मोएमि एत्ताह // 318 // भिवख दगसमारंभे कहणाउट्टो कहिं ति वसहित्ति / संवेया श्राहरणं विसज कहणा कइवया उ॥ 311 // एए चेव य दोसा सविसेसयरा उ वत्थपाएसु। लोइयपामिच्चेसु लोगुत्तरिया इमे अन्ने // 320 // मइलिय फालिय खोसिय हियन? वावि अन्न मग्गंते / अवि सुंदरेवि दिण्णे दुकररोई कलहमाई // 321 // उच्चत्ताए दाणं दुल्लभ खग्गूड अलम पामिच्चे / तंपि य गुरुस्म पासे ठवेइ सो देइ मा कलहो // 322 // परियट्टियपि दुहिं लोइय लोगुत्तरं समासेणं / एक्केक्कंपि श्र दुविहं तइब्वे अन्नदव्वे य // 323 // अवरोप्पर-सज्झिलगा संजुत्ता दोवि अन्नमन्नेणं / पोग्गलिय संजयट्ठा परियट्टण संखडे बोही // 324 / / अणुकंप भगिणिगेहे दरिद परियट्टणा य कूरस्स / पुच्छा कोवकूरे मच्छर पाइवख