________________ बीपिण्डनियुक्तिः] [ 45 य पंत्रिदिय-तिरियपरिभोगो // 50 // सचित्ते पव्वावण पंथुवएसे य भिक्खदाणाई / सीसट्टिग अचित्ते मीसहि-सवख-पहपुच्चा // 51 // खमगाइ कालकजाइएसु पुच्छिन्न देवयं कंत्रि / पंथे सुभासुभे वा-पुच्छेई(च्छाए) दिव्य उपयोगो // 52 // यह मीसयो य पिंडो एएसि चिय नवराह पिंडाणं / दुगसंजोगाईयो नायव्वे, जाव चरमोत्ति / / 53 // सोवीरगोरसासव-वेसणभेसज्ज नेह साग फले / पोग्गल-लोणगुलोयण गणेगा पिंराडा उ संजोगे // 54 // तिन्नि उ पएससमा ठाणटिइउ दविए नयाएमा / चाउचमपिंडाणं जत्थ जया तपस्वणया // 55 // मुत्तदविएसु जुज्जइ जाइ अन्नो नाणुवेहयो पिंडो / मुत्तिविमुत्तेसुवि सो जुज्जइ नगु मंवबाहुला // 56 // जह तिपएको खंधो तिसुवि पएसेसु समोगादो। यविभ गिा संवछोह तु नेवं तदाधारो ? // 57|| ढग चउराह नियमा जोगविभागेण जुज्जए पिराडो / दोसु जहियं तु पिण्डो परिणजइ कीरए चावि // 58 || दुमिहो उ भावपिण्डो पसत्थयो चेव अप्पमत्थो च / पनि दोगहपित पत्तेत्र परूपणं योग्छ / 56 // एगविहाइ दसविहो पमवयो चे अप्परस्थो य। संजम' विजाचरणे नाणादितिगं च तिविहो उ // 60 // नाणं दंगण तव संजमो य वय पंच छच जागाजा / विडमण पाशमा उग्गहाडिमा य पिंडम्मि // 61 // पवयणमाया नव बंभगुत्तियों तह य समगधम्मो य" / एस पसत्यो विंडो भणियो कम्ममहोहिं // 32 // अपसत्यो य असंजम यन्नाणं यविरई य मिच्छत्तं / कोहायासवकाया कम्मेगुत्ती यऽहम्मो य॥ 63 // बन्झइ य जेण कम्म सो सब्यो होइ यष्पमत्यो उ / मुचइ य जेण सो उण परत्थयो नवरे विन्नेत्रो // 64 // दंगणनाणचरित्ताण पजवा जे उ जत्तिया बावि। सो सो होइ तयक्खो पज्जवप्यालणा पिंडो॥६५॥ कम्माण जेण भावेण अप्पगे चिणइ चिकणं पिंडं। खा होइ भावपिंडो पिंडयए पिंडणं जम्हा // 66 // दवे अच्चित्तेणं भावं.म(वे य)