________________ 44.] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / / त्रयोदशमी विभागः उवयोगो // 37 // वाउकायो तिविहो सचित्तो मीसयो य अचित्तो / सचित्तो पुण दुविहो निच्छयववहारयो चेव // 38 // सवलय घणतणुराया अाहिम अइदु देणे य(सु) निच्छययो। ववहार पाइणाई अवकताई य श्रचिनो // 31 // अवकंतधंतघाणे देहाणुघए य पीलियाइसु य / अचित्त वाउकायो (तो एवविहो) भणियो कम्मट्ठमहणेहिं // 40 // हत्थसयमेग गंता दइयो अञ्चित्तु बीयए मीसो / तइयंमि उ सचित्तो वत्थी पुण पोरिसिदिणेसु // 41 // निद्धेयरो य कालो एगंतसिणिद्र-प्रज्झिमजहन्नो। लुक्खावि होइ तिविहो जहन्नमज्भो य उक्कोसो // 12 // एगंतसिगिद्धंमी पोरिसिमेगं यचेयणो होइ / बिइयाए संमीसो तइयाइ सचेयणो वत्थी // 13 // मज्झिमनिद्धे दो पोरिसीउ अञ्चित्तु मीसयो तइए। चोउत्थीए सचित्तो परणो दइयाइ मझगयो // 14 // पोरिसितिगमञ्चित्तो निद्धजहन्नमि मीसंग चउत्थी / सचित्त पंचमीए एवं लुबखेऽवि दिणबुड्डी // 15 // (भा० ) दइएण वत्थिणा वा पयोयणं होज वाउणा मुगिणो / गेलन्नमि व होजा सचित्तमीसे परिहरेज्जा // 42 // वणस्सइकायो तिविहो सचित्तो मीलयो य अञ्चित्तो / सचित्तो पुण दुविहो निच्छयवाहारयो चेव // 43 // सव्यो. ऽअऽणंतकायो सञ्चित्तो होइ निच्छयनयस्स / ववहारस्त य सेसो मीसो पब्वायरोट्टाई // 44 // पुप्फाणं पत्ताणं सरडुफलाणं तहेव हरिहाणं / वं(वें)टमि मिलाणं मी नायव्वं जीविपजढं // 45 // संथारपायदंडगखोमिय कप्पा य पीढफलगाई / योसहभेसज्जाणि य एमाइ पयोरणं बहुहा // 46 // बियतियचउरो पंचिंदिया य तिप्पभिइ जत्थ उ समेति / सट्टाणे सट्ठाणे सो पिंडो तेण कजमिणं // 47 // बेइंदियपरिभोगो अक्खाण ससिप्पसंख्माईणं / तेइंदियाण उद्देयिगादि जं वा वए वेजो॥४८॥ चरिंदियाण मच्छियपरिहारो ग्रासमच्छिया चेव / पंचेंदियपिंडंमि उ अव्यवहारी उ नेरझ्या // 41 // चम्मट्टिदंतनहरोम-सिंगयविलाइ-छगणगोमुत्ते / खीरदधि-माझ्याण