________________ 42] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / त्रयोदशमो विभागः // 7 // इक्को उ अस भावे तिराहं ठपणा उ होइ सब्भावे / चित्तेसु असन्भावे दारुअलेप्पोवलेसियरो॥ 7 // (भा०) तिविहो उ दबपिंडो सचित्तो मीसयो अचित्तो य / एक्केकस्स य एत्तो नव नव भेषा उ पत्तेयं // 8 // पुढवी ग्राउकायो तेऊ वाऊ वणस्सई चेव / बेइंदिय तेइंदिय चउरो पंचेंदिया चेव // 1 // पुढवीकायो तिविहो सच्चित्तो मीसयो य अच्चित्तो / सच्चित्तो पुण दुविहो निच्छयववहारयो चेव // 10 // निच्छययो सञ्चित्तो पुढविमहापब्बयाण बहुमज्झे / अचित्तमीसवजो सेसो ववहारसच्चित्तो // 11 // खीरदुमहे? पंथे कट्ठोले इंधणे य मीसो उ / पोरिसि एग दुग तिगं बहुइंधणमन्झयोवे य // 12 // सीउराहखारखत्ते अग्गीलोणूम-अंबिलेनेहे / वुवकंतजोणिएणं पयोयणं तेणिमं होइ // 13 // अवरद्धि गविसबंधे लवणेन व सुरभि-उवलएणं वा / अच्चित्तस्स उ गहणं पयोयणं तेणिमं वऽन्नं // 11 // ठाणनिसियण-तुयट्टण उच्चाराईण चेव उस्सग्गो / घुट्टग-डगलग-लेवो एमाइ पोयणं बहुहा // 15 // अाउकायो तिविहो सचित्तो मीसयो य अचित्तो। सचित्तो पुण दुविहो निच्छय-ववहारयो चेव // 16 // घणउदही घणवलया करगसमुहद्दहाण बहुमज्झे / अह निच्छयसचित्तो ववहारनयस्स अगडाई // 17 // उसिणोदगमणुबत्ते दंडे वासे य पडियमित्तंमि / मोत्तूणादेसतिगं चाउलउदगेऽबहु पसन्नं // 18 // भंडगपासवलग्गा उत्तेडा बुब्बुया न संमति / जा ताव मीसगं तंदुला य रज्झति जावन्ने॥१६॥ एए उ प्रणाएसा तिनिवि कालनियमस्सऽसंभवयो / लुकखेयर-भंडगपवण-संभवासंभवाईहिं // 20 // जाव न बहुप्पसन्नं ता मीसं एस इत्थ पाएसो / होइ पमाणमचित्तं बहुप्पसन्नं तु नायव्वं // 21 // सीउराहखारखत्ते अग्गीलोणूस-अंबिलेनेहे / बुक्कंतजोणिएणं पोयणं तेणिमं होइ // 22 // परिसेयपियणहत्थाइधोवणं चीरधोवणं चेव / यायमण भाणधुवणं एमाइ पोयणं बहुहा // 23 // उउबद्ध धुवण वाउस भविणासो अठाणठवणं च / संपाइम-वाउवहो पावण भूणोवघाश्रो