________________ 24 ] थवा, बहुनिबाडमा टालाई, बेहिमाण तहा फलाई पकाए / पय / श्रीमदागमसुधासिन्धुः / / त्रयोदशमो विभाग उद्ग-दोगिणं // 27 / / पीढर चंगोरे श्र, नंगले मइयं सिया। जंतलट्ठी व नाभी वा, गंडिया व अलं सिया // 28 // यासणं सयगां जागां, हुजा वा किंचुवस्सए / भूयोवघाईणि भासं, ने भासिन्ज पनवं // 21 // तहेव गंतुमुज्जागां, पबयाणि वणाणि अ / रुक्खा महल्ल पेहाए, एवं भासिज्ज पनवं // 30 // जाइमंता इमे रुखखा, दीहवट्टा महालया / पयायसाला विडिमा, वए दरिसणि त्ति अ॥ 31 // तहा फलाई पकाई, पायखज्जाई नो वए / वेलोइयाइं टालाई, वेहिमाई ति नो वए // 32 // असंथडा इमे अंबा, बहुनिबडिमा फला / वइज बहु संभूया, भूयस्व त्ति वा पुणो // 33 // तहो(तहेरो)सहियो पक्कायो, नीलियायो छवीइ श्र। लाइमा भजिमाउत्ति, पिहुखज ति नो वए // 34 // रूढा बहुसंभूबा थिरा श्रोसदा वि श्र। गभियायो पसूत्रायो, ससाराउ ति पालवे // 35 // तहेव संखडिं नचा, किच्चं कज्ज ति नो वए। तेणगं वावि वज्झित्ति सुतिथि त्ति अावगा / / 36 // संखडि संखडिं बूया, पणियलृ ति तेणगं / बहुसमाणि तित्थाणि, श्रावगाणं वियागरे // 37 // तहा नइयो पुराणायो, कायतिज त्ति नो वए। नावाहिं तारिमायो ति, पाणिपिज त्ति नो वए // 38 // बहुबाहडा अगाहा, बहु मलिलुपिलोदगा / बहुवित्थडोदगा प्रावि, एवं भासिन्ज पनवं // 31 // तहेव सावज्जं जोगं, परस्सट्टाए निट्टियं / कीरमाणं ति वा नबा, सावज्जं नालवे मुणी // 40 // सुकडित्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिन्ने सुहडे मडे / सुनिट्ठिए सुलट्ठित्ति, सावज्ज वजए मुणी // 11 // पयत्तपरके(क)त्ति व पकमालवे / पयत्तछिन्न त्ति व छिन्नमालवे। पयत्तलट्ठि(ह)त्ति व कम्महेउग्रं, पहारगाढ ति व गाढमालवे // 42 // सव्वुक्कसं परग्धं वा, उलं नत्थि एरिसं / अविक्किा -मवत्तव्वं, अवियत्तं चेव नो वए // 43 // सबमेयं वइस्सामि, सबमेयं ति नो वए। अणुवीई सव्वं सव्वत्थ, एवं भासिज पनवं // 44 // सुकीनं वा सुविकीय, अकिज्जं कि.जमेव वा।