________________ [ 23 श्रीमदर्शनकालिक-सूत्रम् / / अध्ययनं 7 ] अईयमि य कालंमि, पच्चुप्पगण-मणागए / निस्संकियं भवे जं तु, एवमेयं तु निदिसे // 10 // तहेव फरुसा भासा, गुरुभूयोवघाइणी / सच्चा वि सा न वत्तव्वा. जयो पावस्स अागमो // 11 // तहेव काणं काणत्ति, पंडगं पंडगत्ति वा / वाहियं वा वि रोगत्ति, तेणां चोरत्ति नो वए // 12 // एएणन्नेण पटेणं, परो जेणुषहम्मइ / यायारभाव-दोसन्नू, न तं भासिन पनवं // 13 // तहेव होले गोलित्ति, साणे वा वसुलित्ति य। दुमए दुहए वावि, नेवं भासिज पनवं // 14 // अजिए पजिए वावि, यम्मो माउसिउत्ति य। पिउस्सिए भायणि जति, धूए णत्तुणियत्ति थ // 15 // हले हलित्ति अन्नित्ति, भट्ट सा मणि गोमिणि / होले गोले वसुलित्ति, इथियं नेवमालवे // 16 // नामधिज्जेण णं बूया, इत्थीगुत्तेण वा पुणो / जहारिह-मभिगिज्झ, बालविज लविज वा // 17 // यजए पज्जए वावि, बप्पो चुलपिउ ति य / माउला भाइणिजत्ति, पुत्ते नत्तुणिय ति श्र / 18 // हे हो हलि त्ति अनित्ति, भट्टे सामित्र गोमिय / होल गोल वसुलि त्ति, पुरिसं नेव-मालवे // 11 / नामधिज्जेण जं बथा, पुरिसगुत्तेण वा पुणो / जहारिह मभिगिज्झ, बालविज लविज वा // 20 // पंचिंदि. याण पाणाणं, एस इत्थी अयं पुमं / जाव णं न वि जाणिज्जा, ताव जाइत्ति पालवे // 21 // तहेव माणुसं पसु, पक्खि वावि सरीसवं / थूले पमेइले वज्जे, पाइमे त्ति य नो वए // 22 // परिवूढ त्ति णं ब्रूया, बूया उवत्रिय ति य / संजाए पीणिए वा वि, महाकायत्ति पालवे // 23 // तहेब गायो दुझायो, दम्मा गोरग ति य / वाहिमा रहजोगि ति, नेवं भासिज पन्नवं // 24 // जुर्व गवित्ति णं बूया, धेणु रसदय ति श्र। रहस्से महल्लए वावि, वए संवहणि ति य // 25 // तहेव गंतमुजाणं, पव्ययाणिं वणाणिं य / रुक्खा महल्ल पेहाए, नेवं भासिज पन्नवं // 26 // यलं पासाय-खंभाणं, तोरणाणं गिहाण अ। फलिहऽग्गल नावाणं, अलं