________________ [ श्रीमदाममसुधासिन्धुः त्रयोदशमो विमानः धम्मं, पडिवजइ भावयो / पुरिमस्स पच्छिमंमि, मग्गे तत्थ सुहावहे // 8 // केसी गोयमयो निच्चं, तम्मि बासि समागमे / सुयसील-समुक्करिसो, महत्थत्थ-विणिच्छश्रो॥८८ // तोसिया परिसा सव्वा, मम्मग्गं समुवट्ठिया / संथुया ते पसीयन्तु, भयवं केसीगोयम् // 81 // त्ति बेमि // ॥इति त्रयोविंशमध्ययनम् // 23 // // 24 // अथ प्रवचनमातृनामकं चतुर्विशममध्ययनम् // अट्टप्पवयणमायायो, समिई गुत्ती तहेव य / पंचेव य समिईश्रो, तो गुत्तीउ वाहिया // 1 // इरिया-भासेसणाऽऽदाणे, उच्चारे समिई इय / मणगुत्ती वयगुत्ती, कायगुत्ती उ अट्ठमा // 2 // एयाश्रो अट्ठ समिईश्रो, समासेण वियाहिया। दुवालसगं जिणक्खायं, मायं जत्थ उ पवयणं // 3 // श्रालम्बणेण कालेण, मग्गेण जयणाइ य / चउकारण-परिसुद्धं, संजए इरियं रिए॥ 4 // तत्थ पालम्बणं नाणं, दंसणं चरणं तहा / काले य दिवसे वुत्ते, मग्गे उप्पहवजिए // 5 // दव्वयो खित्तयो चेव, कालो भावो तहा / जायणा चउब्विहा वृत्ता, तं मे कित्तयत्रो सुण // 6 // दव्वश्रो चक्खुसा पेहे, जुगमित्तं च खित्तयो / कालो जाव रीइजा, उवउत्तो य भावो // 7 // इंदियत्थे विवजित्ता, सज्मायं चेव पंचहा / तम्मुत्ती तप्पुरकारे, उवउत्ते रियं रिए // 8 // कोहे माणे य मायाए, लोभे य उवउत्तया / हासे भये मोहरिए, विकहासु तहेव य (कोहे य माणे य माया य लोभे य तहेव य / हास भय मोहरीए विकहा य तहेव य) // 1 // एयाई अट्ठ ठाणाई, परिवजित्तु संजयो। असावज्जं मियं काले, भासं भासिन्ज पनवं // 10 // गवेसणाए गहणे य परिभोगेसणा य जा। श्राहा. रोवहि-सिजाए, एए तिन्नि विसोहए (गवेसणाए गहणेणं, परिभोगेसणाणि य। श्राहारमुवहिं सेज्ज, एए तिनि विसोहिया) // 11 // उग्गमुप्पायणं