________________ भीमदत्तराज्ययनयंत्रम् / अध्ययनं -16]. तत्ताई तम्बलोहाई, तउाई सीसगाणि य। पाइयो कलकलन्ताई, बारसन्तो सुभेरखं // 18 // तहपिसाई मंलाई, खराडाइं सुल्लगाणि य / खावित्रो मि समंसाई, अग्गिवगणाई णेगतो // 6 // तुहं पिया सुरा सीहू, मेरो य महूणि य / पजियो मि जलन्तीयो, वसानो रुहिराणि य // 70 // निव्वं भीएण तत्येणं, दुहिएणं वहिएण य। परमा दुहसंबद्धा, वेयणा वेइया मए // 7 // तिब्ध-चण्डप्पगाढायो, घोरायो अइदुस्सहा / महब्भयायो (महालयात्रो) भीमायो,नरएसुवेइया मए // 72 // जारिसा माणुसे लोए, ताया ! दीसन्ति वेपणा। इत्तो अणन्तगुणिया, नरएसुदुक्खवेयणा ॥७३॥सव्वभवेसु अस्साया, वेयणा वेइया मए / निमिसन्तरमित्तंपि, जं साया नत्थि वेयणा // 74 // तं वितऽम्मापियरो, छन्देणं पुत्त पव्वया / नवरं पुण सामराणे, दुक्खं निप्पडिकम्मया // 75 // सो बिंतऽम्मापियरो !, एवमेयं जहाफुडं / परिकम्मं को कुणई, अरगणे मिगपक्खिणं ? // 76 // एगभूयो अरगणे वा, जहा ऊ चरई मिगो / एवं धम्मं चरिस्सामि, संजमेण तवेण य // 77 // जहा मिगस्स श्रायंको, महारराणम्मि जायई / अच्छतं रुवखमूलंमि, को णं ताहे चिगिच्छई // 78 // को वा से श्रोसहं देइ, को वा से पुच्छई सुहं / को से भत्तं व पाणं वा, अाहरितु पणामई ? // 79 // जया य से सुही होइ, तया गच्छइ गोपरं / भत्तराणस्स अट्टाए, वल्लराणि सराणि य // 80 // खाइत्ता पाणियं पाउं, वल्लरेहिं सरेहि य / मिगचारियं चरित्ताणं, गच्छई मिगचारियं // 1 // एवं समुट्ठिए भिक्खू, एवमेव श्रणेगए (अणिएयणे) / मिगचारियं चरित्ताणं, उड्ड पक्कमई दिसं // 2 // जहा मिए एग अणेगचारी, अणेगवासे धुवगोयरे य। एवं मुणी गोयरियं पविट्ठ, नो हीलए नोविय खिसइजा // 83 // मिगचारियं चरिस्सामि, एवं पुत्ता ! जहासुहं / अम्मापिऊहिंऽणुनायो, जहाइ उबहिं तयो // 84 // मिगचारियं चरिस्सामो, सव्वदुक्ख-विमुक्खणिं / तुन्भेहिं अम्बऽणुनायो, गच्छ पुत्त ! जहासुहं // 85 // एवं सो अम्मा