________________ 126 ] ( श्रीमदागमसुधासिन्धुर त्रयोदशमो विभाग: इस्सरियं केवलं हिचा, दयाए परिनिव्वुडे // 35 // चइत्ता भारहं वासं, चकवट्टी महिड्डियों / पयजमभुवगयो, मघवं नाम महाजसो // 36 // सणंकुमारो मणुस्सिन्दो, चकवट्टी महिड्डियो / पुत्तं रज्जे उवित्ताणं, सोवि राया तवं चरे // 37 // चइत्ता भारहं वासं, चकवट्टी महिड्डियो। सन्ती सन्तिकरो लोए, पत्तो गइमणुत्तरं // 38 // इक्खागरायवसहो, कुन्थू नाम नरेसरो। विक्खायकित्ती धीइमं पत्तो गइमणुत्तरं (मुक्खं गयो अणुत्तरं) // 31 // सागरन्तं जहित्ताणं, भरहवासं नरेसरो। अरो य अरयं(सं) पत्तो, पत्तो गइमणुत्तरं // 40 // चइत्ता भारहं वासं, चकवट्टी महिड्डियो / चिचा य उत्तमे भोए, महापउमो दमं चरे // 41 // एगच्छत्तं पसाहित्ता, महिं माणनिसूरणो। हरिसेणो मणुस्सिन्दो, पत्नो गइमणुत्तरं // 42 // अन्नियो रायसहस्सेहिं, सुपरिचाई दमं चरे। जयनामो जिणवखायं, पत्तो गइमगुत्तरं // 43 // दसरणरज्जं मुदियं, चइताणं मुणी चरे / दसणभदो निक्खन्तो, सक्खं सक्केण चोइयो // 44 // नमी नमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइयो / जहित्ता रज्जं (चइऊण गेहं) वइदेही, सामन्ने पज्जुवटियो // 45 // करकंडू कलिंगाणं(गेसु) पंचालाण(लेसु) य दुम्मुहो / नमी राया विदेहाणं(हे तु) गन्धाराण(रेसु) य नग्गई // 46 // एए नरिन्दवसभा, निक्खन्ता जिणसासणे / पुत्ते रज्जे ठवित्ताणं, सामराणे पज्जुवट्ठिया // 47 // सोवीर-रायवसभो, चइत्ताण मुणी चरे। उद्दायणो पब्वइयो, पत्तो गइमणुत्तरं // 48 // तहेव कासिरायावि, सेयोसञ्च-परक्कमो। कामभोगे परिचज, पहणे कम्ममहावणं // 41 // तहेव विजयो राया, अणट्टा(प्राणट्ठा)कित्ति पव्वए / रज्जं तु गुणसमिद्धं पयहित्तु महायसो // 50 // तहेवुग्गं तवं किचा, अवक्खित्तेण चेयसा / महाबलो रायरिसी, अदाय सिरसा सिरं (यादाय सिरसो सिरिं)॥ 51 // कहं धीरो यहेऊहिं, उम्मतोव्व महिं चरे ? / एए विसेसमादाय, सूरा दढपरकमा