________________ [ श्रीमदागमसुधामिन्धु यादशमी विािंगा // 12 // अथ हरिकेशीयाख्यं द्वादशमध्ययनम् // सोवागकुलसंभूयो, गुणुत्तरधरो मुणी / हरिएसबलो नाम, ग्रासि 'भिक्खू जिइन्दियो // 1 // इरिएसणभासाए, उच्चारसमिईसु य / जयो थायाणनिक्खेवे, संजयो सुसमाहियो॥२॥मणगुतो वयगुत्तो कारगुत्तो जिइन्दियो / भिक्खट्ठा बम्भइज्जम्मि, जन्नवाडमुवट्ठियो // 3 // तं पासिऊणमिजन्तं, तवेण परिसोसियं / पन्तोवहिउवगरणं, उवहसन्ति प्रणारिया // 4 // जाइमयं पडिथ(ब)द्धा, हिंसगा अजिइन्दिया / अबम्भचारिणो बाला, इमं वयणमब्बवी // 5 // कयरे पागच्छई दित्तरूवे (को रे) ? काले विकराले फोकनासे / योमचेलए पंसुपिसायभृण, संकरदूसं परिहरिय कराठे // 6 // कयरे (को रे) तुम इय अदंसणिज्जे ! काए व पासा इहमागयोऽसि / श्रोमचेलगा ! पंसुपिसायभूया ! गच्छ क्खलाहि किमिहं ठियोऽसि // 7 // जक्खो तहिं तिन्दुयरुखवासी, अणुकम्पयो तस्स महामुणिस्स / पच्छायइत्ता नियगं सरीरं, इमाई वयणाइमुदाहरित्था // 8 // समणो अहं संजयो बम्भयारी, विरयो धणपयण-परिग्गहायो / परप्पवित्तस्स उ भिक्खकाले, अन्नस्स अट्ठा इहमागयो मि // 1 // वियरिजइ खजइ भुजई य, अन्नं पभूयं भवयाणमेयं / जाणाहि मे जायणजीविणो त्ति, सेसावसेसं लहऊ तबस्सी // 10 // उवक्खडं भोयण माहणाणं, अत्तट्ठियं सिद्धमिहेगपक्खं / न ऊ वयं एरिसमनपाणं, दाहामु तुझ किमिहं ठियोसि // 11 // थलेसु बीयाइ वयन्ति काप्तया, तहेव निन्नेसु य बाससाए। एयाइ सद्धाइ दलाह मज्झ, याराहए पुराणमिणं खु खित्तं // 12 // खित्ताणि अम्हं विदियाणि लोए, जहिं पकिरणा विरहन्ति पुराणा / जे माहणा जाइविजोववेया, ताई तु खित्ताई सुपेसलाई // 13 // कोहो य माणो य बहो य जेसिं, मोसं श्रदत्तं च परिग्गहं च / ते 'माहणा जाइविजाविहूणा, ताई तु खित्ताई सुपावयाई // 14 // तुभित्थ भो ! भारधरा(वहा).गिराणं, अटुं न जाणाहः अहिज वेए / उच्चावयाई